दोहा, 3 अक्टूबर . राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि ईरान जंग नहीं चाहता, लेकिन इजरायल देश के खिलाफ कार्रवाई करता है तो जवाब दिया जाएगा. उन्होंने यह टिप्पणी बुधवार को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ मुलाकात के बाद की. वह दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए कतर गए हैं.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक पेजेशकियन की कतर यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना था.
ईरानी राष्ट्रपति का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब मध्य पूर्व के तनाव बेहद गंभीर है. ईरान की ओर से मंगलवार रात इजरायल पर मिसाइल हमले करने के बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है.
ईरानी हमले के कुछ घंटों बाद, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की बैठक के दौरान कहा, “ईरान ने आज रात एक बड़ी गलती की है, और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.”
इजरायल के चैनल 13 टीवी समाचार ने बताया कि ईरान से कम से कम 200 जमनी से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें दागी गईं, जिससे पूरे देश में सायरन बजने लगे और लाखों लोग शेलटर्स की ओर भागे.
ईरान का कहना है कि यह बमबारी हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया, हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलफोरुशन की हत्याओं के जवाब में की गई थी.
बता दें ईरान हमास और हिबुल्लाह को खुलकर समर्थन देता आया है.
इजरायल पर ईरान ने तब हमला किया जब यहूदी राष्ट्र ने लेबनान में जमीनी सैन्य अभियान की घोषणा की. 23 सितंबर से, इजरायल ने लेबनान में हवाई हमले तेज कर दिए. उनका कहना है कि यह कार्रवाई लेबानानी संगठन हिजबुल्ला के खात्मे के लिए है. पिछले शुक्रवार को बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में एक महत्वपूर्ण हमले में हिज्बुललाह चीफ हसन नसरल्लाह और उसके कई सहयोगी मारे गए.
इस हफ्ते इजरायल ने दक्षिणी लेबनान पर जमीनी सैन्य हमला शुरू कर दिया. बुधवार को उसने लेबनान के अंदर अपने आठ सैनिकों की मौत की पुष्टि की.
8 अक्टूबर, 2023 को हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू किए थे. नवीनतम घटनाक्रम इसी संघर्ष का विस्तार है.
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