असदुद्दीन ओवैसी संसद में फिलिस्तीन का नाम लेते हैं तो आपत्ति क्यों होती है: पवन खेड़ा

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने शनिवार को से बातचीत के दौरान आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयानों सहित हरियाणा चुनाव के परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने विजया दशमी के मौके पर कहा है कि हिंदुओं का दुर्बल रहना अपराध है, अत्याचार को निमंत्रण है. इस पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, संविधान सबको बलशाली बनाता है. वह हिंदू-मुसलमान नहीं देखता है. मोहन भागवत को जय संविधान बोलने की आदत भी डाल लेनी चाहिए.

मोहन भागवत ने कहा, कुछ शक्तियां भारत को रोकना चाहती हैं. इस पर कांग्रेस नेता ने कहा, जापान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति की निंदा की. आज संघ ने कर दी है. संघ और जापान दोनों प्रधानमंत्री की नीति की निंदा क्यों कर रहे हैं. प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए.

मोहन भागवत ने कहा है कि हिंदुओं को मिलकर रहना चाहिए, तभी वह बच पाएंगे. इस पर कांग्रेस नेता ने कहा, यह नियम सभी पर लागू होना चाहिए. लेकिन, फिर दोहरी मानसिकता नहीं होनी चाहिए. अगर आप कहते हैं कि सारे विश्व के हिन्दुओं को एक हो जाना चाहिए. अच्छी बात है. लेकिन, जब असदुद्दीन ओवैसी संसद में फिलिस्तीन का नाम लेते हैं तो आपत्ति क्यों होती है.

सामना में एक लेख लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि जहां-जहां भाजपा की सरकार है, वहां दलितों पर अत्याचार होता है. इस पर कांग्रेस नेता ने कहा, संघ और भाजपा का मामला है, जवाब उनको देना चाहिए.

कांग्रेस हरियाणा की 20 सीट पर ईवीएम में गड़बड़ी की बात कर रही है. इस पर कांग्रेस नेता ने कहा, हरियाणा में कांग्रेस प्रत्याशियों ने जो रिपोर्ट हमें दी. इस आधार पर हमने 48 घंटे के भीतर में चुनाव आयोग के समक्ष अपनी शिकायत दी है.

चीन द्वारा निर्मित एक ड्रोन फिरोजपुर में मिला है. इस पर कांग्रेस नेता ने कहा, पंजाब चुनाव से पहले बॉर्डर का एरिया बढ़ा दिया गया था. बीएसएफ का कार्य क्षेत्र बढ़ा दिया गया था. बीएसएफ केंद्र सरकार और गृह मंत्री के अंतर्गत आती है. अमित शाह को बताना चाहिए कि कैसे चीन का ड्रोन पंजाब में ड्रग्स और हथियार सप्लाई कर रहा है.

एनसीपीसीआर की रिपोर्ट आई है, जिसमें कहां गया है कि ढाई करोड़ बच्चे बुनियादी शिक्षा से दूर हैं. ज्यातादर बच्चे मदरसे के हैं. इस पर कांग्रेस नेता ने कहा, एनसीपीसीआर जो मामला उठा रहा है, यह मामला 2004 में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम को लेकर है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में अभी भी सुनवाई चल रही है. जब सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है तो क्या एनसीपीसीआर सुप्रीम कोर्ट से बड़ा है जो आदेश दे रहा है. उन्हें पता होना चाहिए कि महाराष्ट्र की सरकार मदरसों में मौलवियों की सैलरी बढ़ा रही है.

डीकेएम/जीकेटी