अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान कर उन्‍हें निर्वासित करने का काम युद्ध स्तर पर हो रहा है : तुहिन सिन्हा

मुंबई, 2 जून . भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने सोमवार को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों पर की जा रही कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में भाजपा शासित राज्य सरकारों ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान की है और उन्हें निर्वासित किया है. यह काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है.

तुहिन सिन्हा ने कहा कि गुजरात से करीब दो हजार अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेजा गया है. यही काम राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में किया जा रहा है.

उन्होंने ‘इंडिया’ ब्लॉक की आलोचना करते हुए कहा, “यह दुर्भाग्य की बात है कि इंडी गठबंधन की राज्य सरकारें अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को बसाने का काम कर रही हैं. झारखंड का संथाल परगना का इलाका अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों से त्रस्त है. वहां हेमंत सोरेन की सरकार ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई है.”

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश के तत्व अलग-अलग तरीके से भारत में प्रॉक्सी वॉर कर सकते हैं. ऐसे में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का यहां होना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. भाजपा की राज्य सरकारें सभी अवैध बांग्लादेशियों को बाहर निकालने और उन्हें वापस बांग्लादेश भेजने के लिए प्रतिबद्ध हैं. विपक्षी राज्य सरकारों को भी इस मुद्दे पर उतनी ही गंभीरता दिखानी चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है.

मुर्शिदाबाद हिंसा मामले में ममता सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद हिंसा मामले में कई ऐसे प्रमाण आ गए हैं जिससे पता चलता है कि यह हिंसा ममता बनर्जी की पार्टी ने ही प्रायोजित की थी. जब यह हिंसा हो रही थी, उस समय ममता बनर्जी वक्फ कानून के खिलाफ लोगों और खासकर मुसलमान समुदाय को उकसाने का काम कर रही थीं. वह कह रही थीं कि बंगाल में वक्फ कानून लागू नहीं होने दूंगी. देश के किसी भी राज्य को ऐसा करने का अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा कि कोलकाता हाई कोर्ट की एक कमेटी ने भी इसके प्रमाण दिए हैं कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बगैर मुर्शिदाबाद हिंसा संभव नहीं हो पाती. गृह मंत्री अमित शाह ने एक बड़ी बात कही है, जब भी बीएसएफ को मुर्शिदाबाद भेजने की बात आती है, तब ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया था. कोलकाता हाई कोर्ट के निर्देश के बाद वहां पर बीएसएफ की तैनाती हुई थी. ममता बनर्जी को बीएसएफ और केंद्रीय सुरक्षा बलों से किस तरह की नफरत है.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस के नेता ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि उन्हें विदेश में बैठे उनके दोस्तों ने “विशिष्ट जानकारी” निकालने का काम सौंपा है. कांग्रेस पार्टी संसद के विशेष सत्र के लिए इतनी बेताब है, इसका एकमात्र कारण संसद में बेपरवाह बयान देना है जिससे वे विदेश में स्टार बन जाएं. कांग्रेस पार्टी को सभी जरूरी जानकारी मुहैया करा दी गई है.

एएसएच/एकेजे