‘आईसीएसआई’ के अध्यक्ष ने बताया, ईएसजी फ्रेमवर्क को आगे बढ़ाने में संस्थान की अहम भूमिका

बेंगलुरु, 1 मार्च . भारत सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) ने शनिवार को बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. संस्थान के पदाधिकारियों ने छात्राओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी और युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने पर प्रकाश डाला. वहीं, ‘आईसीएसआई’ के अध्यक्ष धनंजय शुक्ला ने न्यूज एजेंसी से खास बात की.

संस्थान एक सक्रिय निकाय होने के नाते कंपनी सचिव (सीएस) पाठ्यक्रम के छात्रों को सर्वोत्तम गुणवत्ता की शिक्षा और सीएस सदस्यों के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता निर्धारित मानक पर ध्यान केंद्रित करता है. संस्थान के 76,000 से अधिक सदस्य हैं और 2 लाख से अधिक छात्र हैं. ‘आईसीएसआई’ इस साल ऑस्ट्रेलिया और आने वाले महीनों में दुबई में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा. इसका उद्देश्य भारत सरकार के सहयोग से दुनिया भर में प्रशिक्षित कुशल पेशेवरों की आवश्यकता को पूरा करना है.

‘आईसीएसआई’ के अध्यक्ष धनंजय शुक्ला ने बताया, “आईसीएसआई भारतीय सचिव अधिनियम के तहत गठित एक वैधानिक संस्था है, जिसका हेडक्वार्टर दिल्ली में है. वहीं इसके चार रीजनल काउंसिल है, जो दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में स्थित है. आज के समय में हमारे करीब 76 हजार मेंबर और 2.5 लाख छात्र हैं. कंपनियों के सामने बहुत सारे कानूनों के अनुपालन की जिम्मेदारी होती है, जिसे कंपनी सेक्रेटरी सुनिश्चित करता है.”

उन्होंने आगे बताया, “आज के समय में ‘आईसीएसआई’ ईएसजी (एनवायरमेंट, सोशल और गवर्नेंस) में काफी काम कर रहा है. आजकल हम देखते हैं कि कोई भी बड़ी कंपनी जब भारत में अपना निवेश करती हैं, तो वो चाहती हैं कि जब वो किसी से अपना मैटेरियल आउटसोर्स करे तो वो कंपनियां ईएसजी कंप्लायंस होनी चाहिए. हमारा मानना है कि ईएसजी फ्रेमवर्क को आगे बढ़ाने में ‘आईसीएसआई’ की बहुत बड़ी भूमिका है. हमारे लोग ईएसजी में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बोर्ड भी बनाया जा चुका है. कंपनी सेक्रेटरी राष्ट्र के विकास में अपनी बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. पूरे विश्व में करीब 1.10 लाख गवर्नेंस प्रोफेशनल हैं, उनमें से भारत में 76,000 हजार हैं. ऐसे में ‘आईसीएसआई’ की भूमिका नंबर वन वाली है.

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