संबलपुर, 12 जुलाई . केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री और ओडिशा के वरिष्ठ भाजपा नेता जुएल उरांव ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है. एक अहम राजनीतिक घटनाक्रम में जुएल उरांव ने घोषणा की कि वो अब भविष्य में कोई प्रत्यक्ष चुनाव नहीं लड़ेंगे.
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल उरांव ओडिशा के संबलपुर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उन्होंने ऐलान करते हुए कहा, “मैंने तय किया है कि अब कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा. अब मैं पार्टी के लिए काम करूंगा और युवाओं को आगे लाने में मदद करूंगा.”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वो पार्टी के निर्देशों के अनुसार ही आगे कोई भी भूमिका निभाएंगे. जिम्मेदारी जो पार्टी उन्हें सौंपेगी, वो उसे स्वीकार करेंगे.
मीडिया से बातचीत में जुएल उरांव ने अपनी घोषणा को दोहराया. उन्होंने कहा, “मैं 8 बार Lok Sabha और दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुका हूं. इसलिए चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है. ये मेरा फैसला है, लेकिन अगर पार्टी कोई निर्णय करती है तो ये अलग बात होगी.”
उन्होंने कहा, “अब वक्त आ गया है कि युवाओं को नेतृत्व संभालने का अवसर मिले और वो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिए जनता का प्रतिनिधित्व करें.”
हालांकि, जुएल उरांव ने राज्यसभा सदस्य या राज्यपाल बनने की इच्छा व्यक्त की. उन्होंने कहा, “मैं राज्यपाल या राज्यसभा का सदस्य बन सकता हूं. अगर नहीं भी बनता हूं तो पार्टी के लिए काम करता रहूंगा.”
केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव का लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है. जुएल उरांव ओडिशा में भाजपा के एक प्रमुख आदिवासी चेहरा हैं. राज्य में पार्टी की जड़ें मजबूत करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई.
वो सुंदरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए 1998 से 12वीं, 13वीं, 14वीं, 16वीं और 17वीं Lok Sabha के सदस्य रहे. जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मंत्रालय का गठन किया तब ओराम ने 13 अक्टूबर 1999 को जनजातीय मामलों के पहले केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली थी.
साल 2024 में केंद्र में एनडीए की तीसरी बार सरकार बनने पर जुएल उरांव को मंत्री बनाया गया.
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डीसीएच/