नई दिल्ली, 28 दिसंबर . दो बार के पैरालंपिक पदक विजेता योगेश कथुनिया ने कहा कि वह खेल मंत्रालय से लिखित जवाब मांगने के लिए हाईकोर्ट जाएंगे कि प्रतिष्ठित सम्मान के लिए मानदंड पूरा करने के बावजूद उन्हें खेल रत्न पुरस्कार के लिए पात्र क्यों नहीं बनाया गया. टोक्यो और पेरिस पैरालंपिक में रजत पदक जीतने वाले पैरा डिस्कस थ्रोअर खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकित न किए जाने से निराश हैं.
कथुनिया ने शनिवार को को बताया, “यह खेल मंत्रालय के साथ मामला है, लेकिन उन्होंने अभी तक मुझसे संपर्क नहीं किया है. यह स्पष्ट पक्षपात है, जिन खिलाड़ियों का पीआर अच्छा है, उन्हें पुरस्कार मिल रहा है. वे हमारे जैसे खिलाड़ियों की अनदेखी करते हैं. इस तरह का व्यवहार एक ऐसे एथलीट के लिए निराशाजनक है, जिसने अपने जीवन के आठ साल देश को दिए हैं. भले ही मैं अपने लिए खेल रहा हूं, लेकिन मैं भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. अगर मैं हारता हूं, तो भारत हारेगा और अगर मैं जीतता हूं, तो भारत जीतेगा. “
नवंबर 2021 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले कथुनिया ने खेल मंत्रालय से अपनी चूक के पीछे स्पष्टीकरण मांगने के लिए मामले को अदालत में ले जाने का मन बना लिया है.
कथुनिया ने कहा, “मैं अगले साल का इंतजार नहीं करूंगा और हाईकोर्ट जाऊंगा और मामला दर्ज कराऊंगा. मेरे पास सबसे अधिक अंक हैं और मैं लिखित जवाब चाहता हूं कि मुझे यह क्यों नहीं मिल रहा है.”
27 वर्षीय खिलाड़ी ने पहले सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया था और एथलीटों को खेल रत्न देने के मानदंडों पर सवाल उठाए थे.
पैरालंपिक में दो रजत पदक, पैरा-एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में दो रजत और एक कांस्य तथा एशियाई पैरा खेलों में एक रजत सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक छह पदक जीत चुके कथुनिया अपनी उपलब्धियों के लिए मान्यता न मिलने से हैरान हैं.
उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा था, “मैं आपको बताना चाहूंगा कि जब मैंने पुरस्कारों की सूची देखी, तो मेरा नाम सूची में नहीं था. अगर आप देखें, तो बहुत से लोगों को बहुत पहले ही खेल रत्न मिल चुका है, जिनके अंक इतने अधिक नहीं हैं. मैं 2-3 साल से लगातार आवेदन भर रहा हूं. मेरे पास विश्व चैंपियनशिप में तीन पदक, एशियाई खेलों में एक पदक तथा पेरिस पैरालंपिक और टोक्यो पैरालंपिक में एक-एक पदक हैं. तो, इस हिसाब से मेरे अंक भी बहुत अधिक हैं.”
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आरआर/