मुझे लगता है कि हम ग्रीनलैंड को हासिल कर लेंगे : डोनाल्ड ट्रंप

वाशिंगटन, 26 जनवरी, . अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेनमार्क के नियंत्रण वाले स्वायत्त क्षेत्र ‘ग्रीनलैंड’ को हासिल करने के लिए अपनी विवादित ख्वाहिश फिर से दोहराई है. उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, “मुझे लगता है कि हम इसे हासिल करने जा रहे हैं.”

अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक विमान एयर फोर्स वन में मीडिया से बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी दावा किया कि आर्कटिक द्वीप के 57,000 निवासी अमेरिका में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूएस प्रेसिडेंट ने कहा, “मुझे विश्वास है कि ग्रीनलैंड, हमें मिल जाएगा, यह वास्तव में दुनिया की स्वतंत्रता से जुड़ा मुद्दा है. इसका संयुक्त राज्य अमेरिका से कोई लेना-देना नहीं है, सिवाय इसके कि हम ही स्वतंत्रता प्रदान कर सकते हैं.”

ट्रंप की टिप्पणी डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन के साथ एक फोन कॉल बातचीत के बाद आई.

बातचीत के दौरान, ट्रंप ने कथित तौर पर डेनमार्क के निर्यात पर संभावित टैरिफ सहित आर्थिक धमकिया दीं ताकि ग्रीनलैंड का नियंत्रण छोड़ने के लिए दबाव डाला जा सके.

रिपोर्ट के मुताबिक पांच यूरोपीय अधिकारियों ने इस कॉल को ‘आक्रामक’ और ‘संभावित रूप से बहुत खतरनाक’ बताया.

हालांकि, डेनमार्क ने ट्रंप के इस विचार को मजबूती से खारिज कर दिया. डेनमार्क के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि वह, ‘अज्ञात स्रोतों द्वारा दी गई बातचीत की व्याख्या को मान्यता नहीं देता है.’

इस महीने की शुरुआत में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने डेनिश टीवी से कहा कि ‘ग्रीनलैंड, ग्रीनलैंड के लोगों का है’ और केवल स्थानीय आबादी ही इसके भविष्य का निर्धारण कर सकती है. उन्होंने कहा कि ‘ग्रीनलैंड बिक्री के लिए नहीं है’, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि डेनमार्क को नाटो सहयोगी अमेरिका के साथ घनिष्ठ सहयोग की जरुरत है.

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेड ने भी स्पष्ट किया है कि ग्रीनलैंड ‘बिकाऊ’ नहीं है. हालांकि वह ग्रीनलैंड की डेनमार्क से आजादी के समर्थक हैं.

ग्रीनलैंड उत्तरी अमेरिका से यूरोप तक के सबसे छोटे मार्ग पर स्थित है. यह एक बड़े अमेरिकी अंतरिक्ष केंद्र का घर है. इसमें दुर्लभ खनिजों के कुछ सबसे बड़े भंडार हैं, जो बैटरी और उच्च तकनीक वाले उपकरणों के निर्माण में महत्वपूर्ण हैं.

ट्रंप ने पहले कह चुके हैं कि यह द्वीप चीनी और रूसी जहाजों पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं जो आजकर हर जगह नजर आ रहे हैं.

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