पटना, 24 सितंबर . पटना एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल पर फर्जी ओबीसी सर्टिफिकेट प्रयोग करने का आरोप लगा है. इसको लेकर उन्होंने मंगलवार को से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि एम्स पटना और एम्स गोरखपुर की अनियमितताओं को बंद करवाया, इसलिए मेरे ऊपर फर्जी सर्टिफिकेट के इस्तेमाल का आरोप लगा.
पटना एम्स के डायरेक्टर गोपाल कृष्ण ने को बताया कि मेरे ऊपर बेटे द्वारा फर्जी ओबीसी सर्टिफिकेट बनाकर एम्स गोरखपुर में एडमिशन लेने और फर्जी सर्टिफिकेट से बेटी के एम्स पटना में सीनियर रेजिडेंट पोस्ट के लिए चयन करने का आरोप लगा है. जब मुझे बेटे के बारे में पता चला कि मेरे बेटे ने ओबीसी सर्टिफिकेट पर गोरखपुर एम्स में एडमिशन लिया है, तो मैंने उसको तुरंत इस्तीफा देने को कहा और उसने वहां से इस्तीफा दे दिया.
उन्होंने बताया कि जब ओबीसी सर्टिफिकेट वहां जमा किया गया था, उसमें पूरा डिटेल डाला गया था, जिसमें मेरी आय और डायरेक्टर बंगलो का पता शामिल था. इसमें कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि डायरेक्टर बंगलो कैसे हमारा रेसिडेंशियल बंगलो हो गया? बेटे को एम्स पटना के एडीएम ने सर्टिफिकेट इश्यू किया है.
गोपाल कृष्ण ने बताया कि इस विषय पर कमेटी बनाई गई है, जो जांच कर रही है. कमेटी में शामिल लोगों द्वारा पूछे गए सवालों का मैंने जवाब दिया है. कुछ भी छिपाया नहीं है. एम्स डायरेक्टर ने आगे बताया कि जब पूरा प्रकरण सामने आया तो मैंने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को एक रिक्वेस्ट लेटर लिखकर इस बात से अवगत कराया कि मैं एम्स डायरेक्टर हूं और इस नाते नहीं चाहता कि ओबीसी सर्टिफिकेट हमारे पास रहे. इस सर्टिफिकेट को तुरंत कैंसिल कराया गया.
उन्होंने आगे बताया कि ओबीसी सर्टिफिकेट का उन्होंने कोई फायदा नहीं उठाया. कुछ लोग जो बेटी पर आरोप लगा रहे हैं कि फर्जी सर्टिफिकेट के इस्तेमाल से उसने एडमिशन लिया है, ये आरोप बिल्कुल गलत है. उनका ओबीसी कैटेगरी में चयन नहीं हुआ था. उन्होंने कास्ट के कॉलम में ओबीसी भरा था. 80 नंबर की लिखित परीक्षा और 20 नंबर का इंटरव्यू था, इंटरव्यू पैनल में भी मैं शामिल नहीं था. ऐसे में बेटी का चयन ऑन रिजर्व कैटेगरी में हुआ है, जो लोग आरोप लगा रहे हैं, वो बिल्कुल गलत है.
एम्स पटना और एम्स गोरखपुर में जो अनियमितता थी, उसको मैंने बंद करवाया है. इसलिए मेरे ऊपर ये सभी आरोप लगाए जा रहे हैं.
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एससीएच/जीकेटी