मैं खुद को ‘जादूगर’ कहलाये जाने के बारे में नहीं सोचता : बुमराह

कानपुर, 1 अक्टूबर . भारत की बांग्लादेश पर सात विकेट की जीत में कुल छह विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह खुद को जादूगर कहलाये जाने के बारे में नहीं सोचते.

दोनों पारियों में तीन-तीन विकेट लेने वाले बुमराह ने मैच के बाद कहा, ” यह वाकई बहुत अच्छा लग रहा है. मैं उन सभी विशेषणों (जादूगर कहलाने) के बारे में नहीं सोचता. यह जीत हासिल करना वाकई अच्छा है, हमने कुछ दिन गंवाए थे.. जिस तरह से हमने कल बल्लेबाजी की और यह हमारी फिटनेस के लिए एक परीक्षा थी और साथ ही आप देख सकते हैं कि मौसम कितना गर्म है, हर दिन गेंदबाजी करना और प्रभाव पैदा करने की कोशिश करना, यह वाकई एक खास जीत है.”

उन्होंने कहा,”आप अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हैं लेकिन यह कहना आसान है, करना मुश्किल, क्योंकि आपने बहुत क्रिकेट खेला है और अलग-अलग सतहों पर खेला है, आप समाधान ढूंढते हैं, यह विकेट चेन्नई में जो मिला था उससे बिल्कुल अलग था, इसलिए जल्दी से दूसरों से बात की और सबसे अच्छा विकल्प खोजने की कोशिश की.”

बुमराह ने कहा,” मुझे वह चुनौती पसंद है जब आप अपनी प्रकृति के खिलाफ जाते हैं, परिस्थितियां अनुकूल नहीं होती हैं, विकेट अनुकूल नहीं होता है, आप कैसे जवाब पाते हैं, ये सभी लड़ाइयां मुझे वाकई पसंद हैं. हमने भारत में बहुत क्रिकेट खेला है, आप विकेट की प्रकृति को समझते हैं और एसजी गेंद कभी-कभी रिवर्स भी होती है लेकिन कभी-कभी नमी के कारण आप गेंद को सूखा नहीं रख पाते हैं, इसलिए आप समाधान ढूंढते हैं और अन्य खिलाड़ियों के साथ भी इस पर चर्चा करते हैं.”

आकाश दीप की तारीफ़ करते हुए बुमराह ने कहा, ”वह (आकाश दीप) स्पैल से पहले अक्सर मेरे पास आता है और मुझसे पूछता है कि क्या हो रहा है और मुझे क्या करना चाहिए, हमने कई रोचक बातचीत की है, वह गेंद पर जो ऊर्जा लाता है, वह मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देता है और जब वह गेंदबाजी करता है, तो उसके पास बहुत हिम्मत होती है और यह हमारे लिए आगे बढ़ने के लिए एक अच्छा संकेत है. उम्मीद है कि वह और मजबूत होगा.”

उन्होंने कहा,”हमें विश्व कप के बाद ब्रेक मिला, हम टेस्ट सीरीज की तैयारी कर रहे थे और आपको यह ध्यान में रखना होगा, जाहिर है कि आप समझते हैं कि आपको कितने ओवर गेंदबाजी करनी है और आपका शरीर कैसा है, शेड्यूल कैसा दिख रहा है, हमारे पास आगे एक लंबा सीजन है और इसलिए हमें ब्रेक मिला, परिवार के साथ कुछ समय बिताने का और फिर हम काम पर लग जाते हैं.”

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