मैं इस प्रारूप से संन्यास लेने नहीं जा रहा हूं : रोहित शर्मा

दुबई, 10 मार्च . पिछले करीब एक साल में रोहित शर्मा ने काफी उतार-चढ़ाव देखा. उन्होंने पिछले साल जून में भारत को टी-20 विश्व कप चैंपियन बनाया था, लेकिन इसके बाद टेस्ट क्रिकेट में उनका प्रदर्शन काफी खराब रहा. लगातार बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों में फेल होने के कारण उन्हें आलोचकों ने निशाने पर लिया और उन्हें टीम से हटाए जाने तक की मांग होने लगी.

अब 9 मार्च, 2025 की तारीख को रोहित ने पूरे भारत को ऐसी खुशी दी है जिसके बाद उनकी आलोचना करने वालों में तगड़ी कमी देखने को मिलेगी. चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब जीतकर रोहित ने लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में अपनी शानदार कप्तानी को जारी रखा है. रोहित ने फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत को आतिशी शुरुआत दिलाई और अपनी अर्धशतकीय पारी से शुरुआत में ही उन्हें मैच से बाहर कर दिया था.

इस मैच से पहले अटकलों का बाजार काफी गर्म था कि रोहित वनडे से अपने संन्यास का भी ऐलान कर सकते हैं, हालांकि मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया.

रोहित ने कहा, “मैं इस प्रारूप से संन्यास लेने नहीं जा रहा हूं. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं ताकि आगे कोई अफवाह नहीं फैलाई जाए. देखते हैं अभी कोई फ्यूचर प्लान नहीं है, जो हो रहा है चलता रहेगा.”

प्लेयर ऑफ द मैच बनने पर रोहित ने कहा, “इस ट्रॉफी को जीतना बहुत अच्छा अहसास है. पूरे टूर्नामेंट में हमने शानदार क्रिकेट खेला और अंत में अपनी मेहनत का फल इस तरह मिलना वाकई खास है. जिस तरह से हमने इस मैच में खेला, उससे मैं बेहद खुश हूं. यह (खेलने का यह तरीका) मेरे लिए स्वाभाविक नहीं है, लेकिन यह कुछ ऐसा था जिसे मैं सच में आजमाना चाहता था. जब आप कुछ नया करने की कोशिश करते हैं, तो टीम का समर्थन बहुत जरूरी होता है, और टीम मेरे साथ थी–2023 वर्ल्ड कप में राहुल भाई और अब गौती भाई (गौतम गंभीर) का पूरा समर्थन मिला. इतने सालों से मैंने अलग अंदाज में खेला है, लेकिन मैं देखना चाहता था कि क्या हम अलग तरीके से खेलकर भी अच्छे नतीजे हासिल कर सकते हैं.”

फाइनल में रोहित काफी शानदार बल्लेबाज़ी कर रहे थे और ऐसा लग रहा था कि शतक लगाएंगे, लेकिन वह स्टंपिंग का शिकार हो गए थे. स्पिनर के खिलाफ आगे निकलने के बाद रोहित को बहुत कम ही इस तरह आउट होते देखा गया है.

उन्होंने कहा, “पैरों का इस्तेमाल करना कुछ ऐसा है जो मैं अब काफी समय से कर रहा हूं. इससे पहले इसी कोशिश में आउट भी हुआ हूं, लेकिन मैंने कभी इस रणनीति से हटने की नहीं सोची. यह खेल को आसान बनाता है और आपको आजादी देता है. यही कारण है कि मैं बल्लेबाजी में गहराई चाहता था–जडेजा का नंबर 8 पर आना आपको यह आत्मविश्वास देता है कि आप खुलकर खेल सकते हैं. अगर रणनीति काम कर जाती है तो ठीक, नहीं भी तो कोई बात नहीं. सबसे जरूरी चीज यह है कि मेरे दिमाग में स्पष्टता बनी रहे.”

भारत ने दुबई में ही अपने सारे मैच खेले और उन्हें हर मैच में स्टेडियम लगभग फुल ही देखने को मिले थे. भारत के सभी मैचों के लिए फैंस की संख्या स्टेडियम के अंदर तो काफी अधिक थी ही, लेकिन बाहर से सपोर्ट करने वाले भी असंख्य थे.

दर्शकों पर रोहित ने कहा, “मैं उन सभी लोगों का शुक्रगुजार हूं जो हमें सपोर्ट करने आए. दर्शकों का समर्थन जबरदस्त था. यह हमारा घरेलू मैदान नहीं था, लेकिन उन्होंने इसे हमारा बना दिया. यह जीत बेहद संतोषजनक रही. फैंस के लिए काफी आभार. हम उनकी मौजूदगी की अहमियत समझते हैं. शायद यह हमेशा दिखता नहीं है, लेकिन जब वे स्टेडियम में आते हैं, तो वह हमें और प्रेरित करता है.”

भारत ने इस टूर्नामेंट में अपने अंतिम तीन मैच चार स्पिनर्स के साथ खेले. इसमें सेमीफाइनल और फाइनल मैच शामिल रहे. रोहित ने टी-20 विश्व कप में भी स्पिनर्स को ही प्रमुख हथियार बनाया था.

स्पिनर्स के बारे में रोहित ने कहा, “शुरुआत से ही हमारे स्पिनर्स ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. उन पर बहुत उम्मीदें होती हैं, लेकिन उन्होंने कभी निराश नहीं किया. पिच ने उनकी मदद की, और हमने इसका पूरा फ़ायदा उठाया. हमारी गेंदबाजी पूरे टूर्नामेंट में काफी संतुलित रही. वरुण चक्रवर्ती के बारे में पूछने पर पर उनके पास कुछ अलग ही क्वालिटी है. जब आप इस तरह की पिच पर खेल रहे होते हैं, तो आपको ऐसे गेंदबाज की जरूरत होती है. उसने टूर्नामेंट की शुरुआत नहीं की थी, लेकिन जब मौका मिला तो विकेट निकाले. हमारे लिए यह फायदेमंद साबित हुआ.”

आरआर/