नई दिल्ली, 24 मई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एनडीटीवी को दिए खास इंटरव्यू में 4 जून को मोदी सरकार जाने के टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और विपक्षी दलों के दावे पर कहा कि वो एकदम सच बोल रही हैं.
उन्होंने समझाते हुए बताया, “इस सरकार का कार्यकाल 4 जून को समाप्त होना ही है. इसके बाद नई सरकार बनेगी. संविधान के अनुसार हमारी सरकार का कार्यकाल चुनाव के बाद पूरा हो रहा है. इसमें पॉलिटिकल तो कुछ नहीं है. इस सरकार का कार्यकाल चुनाव तक ही है. चुनाव होने के बाद नई सरकार बनेगी. इसके बाद फिर से हम नई सरकार बनाएंगे. मेरी सरकार की कोई एक्सपायरी डेट नहीं है, मैं तो अविनाशी हूं, मैं तो काशी का हूं, काशी तो अविनाशी है.”
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे देश का दुर्भाग्य है कि जो सरकारें चलाते हैं, उनके दिमाग में एक ही बात रहती है कि अगला चुनाव जीतने के लिए कुछ खेल खेलें. मेरे दिमाग में ये बात नहीं रहती. मैं दोबारा सरकार बनाने के लिए सरकार नहीं चलाता हूं. मैं देश बनाने के लिए सरकार चलाता हूं. ये सरकार देश का भविष्य बनाने के लिए है, ये सरकार देश की भावी पीढ़ी का भविष्य बनाने के लिए है. वोट बैंक के हिसाब से न तो मैं सोचता हूं और न ही काम करता हूं. भगवान बचाए! मैं ऐसा करना भी नहीं चाहता.”
उन्होंने कहा, “हिंदुओं की तरह मुस्लिम की भी जातियां हैं. लेकिन, आपको मालूम तक नहीं होगा, ना कभी जाति का उल्लेख करते हैं. उसका कारण क्या है कि वह एक अगला वर्ग है, उसने ऐसा कब्जा जमाया है, कुछ ही परिवारों का ठेका है. इतना बड़ा वर्ग अगर देश की विकास यात्रा में भागीदार नहीं बनता है, तो देश का नुकसान है. मेरे मन में हमेशा ये बात रहती है कि देश की विकास यात्रा में समाज के हर वर्ग और हर तबके के लोग शामिल हो. इसलिए कि वह हिंदू है तो उस पर ध्यान देना चाहिए, वह मुसलमान है तो उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए. मेरा यह तरीका नहीं है.”
पीएम मोदी ने कहा, “मेरी जिंदगी में 15 साल के बाद का समय बहुत परिश्रम से गुजरा है और कठिनाइयों में जीने की आदत से गुजरी है. सुख-सुविधा से मेरा कोई लेना-देना नहीं रहा. मुझे जो भी काम दिया गया, उसे मैंने कर्तव्य के भाव से और कुछ सीखने के इरादे से पूरा किया. जब आप जीवनभर एक विद्यार्थी की अवस्था में रहते हैं, तो मन से हमेशा फ्रेश रहते हैं. क्योंकि हर बार आप में सीखने की प्रवृत्ति रहती है. आखिरकार सभी के शरीर की संरचना के भीतर भी मन की अवस्था बहुत बड़ी होती है. मेरे केस में मेरे भीतर का विद्यार्थी जीता रहता है. बिल्कुल ही जीवंत है. मेरी इच्छा हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने और समझने की होती है. उसी का नतीजा है कि मैं एनर्जेटिक लगता हूं.”
इस दौरान पीएम मोदी ने अपनी एनर्जी को समझाने के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर और सितार वादक का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, “एक कंप्यूटर ऑपरेटर होता है. दिनभर कंप्यूटर पर हाथ चलाता रहता है. वो शाम को जब नौकरी करके घर जाता होगा, तब देखेंगे कि वो कितना थका-थका है. घर जाकर अपना बैग ऐसे ही फेंक देता है. आयु 50 साल भी नहीं होती है. दूसरी ओर, एक सितार वादक होता है. वो भी उंगली का खेल करता है. 80 साल के बाद भी देखेंगे कि वो एकदम फ्रेश लगता हैं. इन दोनों में फर्क क्या है मन की रचना का है.
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एसके/