हैदराबाद, 27 अगस्त . हैदराबाद में एक महिला ने अपनी एक किडनी दान कर अपने 21 वर्षीय बेटे को नई जिंदगी दी है.
रिपोर्ट के अनुसार, किडनी खराबी से पीड़ित व्यक्ति को उसकी मां ने किडनी दान दी है. यह सफल प्रत्यारोपण (ट्रांसप्लांट) हैदराबाद के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी (एआईएनयू) में किया गया है.
हैदराबाद के अलवाल के मूल निवासी मरीज को जुलाई में किडनी फेल होने के लक्षण महसूस होने लगे. व्यक्ति को गंभीर सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर था, और उसका वजन तेजी से कम हो रहा था. किडनी फेल होने का पता चलने पर व्यक्ति को इलाज के लिए एआईएनयू में रेफर किया गया.
व्यक्ति की 42 वर्षीय मां ने स्वेच्छा से अपनी किडनी दान करने की पेशकश की. अगस्त के दूसरे सप्ताह में प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया गया. एआईएनयू के प्रत्यारोपण चिकित्सक डॉ. चल्ला राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि मरीज अब ठीक हो रहा है और उसके जल्द ही पूरी तरह ठीक होने की उम्मीद है.
मरीज की मां ने कहा कि वह अपने बेटे को अपनी किडनी दान करके खुश हैं. मैं अपने बेटे के लिए कुछ भी कर सकती हूं. मैं बहुत आभारी हूं कि उसे जीवन में दूसरा मौका मिल रहा है. डॉक्टर के मुताबिक, किडनी फेल के लिए किडनी ट्रांसप्लांट एक सुरक्षित और प्रभावी इलाज है.
मरीज ठीक है और वह ट्रांसप्लांट के बाद सामान्य जीवन जीने में सक्षम होगा. उन्होंने आगे कहा कि लोगों को किडनी रोग के शुरुआती चेतावनी संकेतों के बारे में जागरूक होना चाहिए. किडनी (गुर्दे) की बीमारी अक्सर शुरुआती चरणों में शांत होती है, लेकिन एक साधारण रक्त परीक्षण से इसका पता लगाया जा सकता है. यदि किडनी की बीमारी जल्दी पकड़ में आ जाए, तो इसका इलाज अक्सर दवा या जीवनशैली में बदलाव से किया जा सकता है.
आजकल के युवा बीपी (हाई ब्लड प्रेशर) से पीड़ित हैं जो किडनी संबंधी समस्याओं का कारण बन रहा है. युवा लोगों में ब्लड प्रेशर में वृद्धि देखी जा रही है. वजन कम होना, पैरों में सूजन, पैरों में दर्द, पेशाब में खून आना और बीपी का बढ़ना ये सभी किडनी से जुड़ी जटिलताओं के लक्षण हैं.
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एफजेड/