नई दिल्ली, 28 दिसंबर . पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक स्थल को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने बयान दिया है. उनका कहना है कि लोगों को मनमोहन सिंह पर विश्वास था.
नवजोत सिंह सिद्धू ने मीडिया से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे लगता है कि कई लोगों का सौ किलो का शरीर है, दिल चिड़िया का है. उन्होंने आगे कहा कि लोग कुछ तो कहेंगे, लेकिन मैं लोगों की नहीं, एक पूर्व प्रधानमंत्री की बात कर रहा हूं. वो प्रधानमंत्री जिसके पास नैतिक अधिकार (मोरल अथॉरिटी) था. दुनिया में आज सबसे बड़ी ताकत नैतिकता की ताकत है. ईमानदारी, किरदार की ताकत है.
उन्होंने आगे कहा कि समाज में आज चरित्र संकट है, इसलिए विश्वास की कमी है. लोगों का विश्वास नहीं है. इस आदमी (पूर्व पीएम) पर विश्वास था. ये आदमी संस्था थी, संस्था है और पीढ़ी दर पीढ़ी संस्था रहेगी. आप जानते हैं कि शरीर और रक्त वाले लोग आते-जाते रहेंगे, लेकिन संस्थाएं हमेशा रहेंगी, वह हमारी यादों में हर जगह हमेशा रहेंगे. मुझे लगता है कि ऐसे आदमी के लिए राजघाट का स्थान ना देकर उन्हें इज्जत नहीं दी गई. उन्हें जिसने इज्जत नहीं दी, उसने अपनी बेइज्जती करवाई.
बता दें कि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने उस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसी जगह करने की मांग की गई थी, जहां उनके सम्मान में एक स्मारक बनाया जा सके.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “सुबह कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्रस्ताव दिया था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार एक ऐसी जगह किया जाए, जहां उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए एक स्मारक बनवाया जा सके. देश के लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि भारत सरकार उनके वैश्विक कद, असाधारण उपलब्धियों और दशकों तक राष्ट्र की सेवा के अनुरूप उनके अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए स्थान क्यों नहीं खोज पा रही है. यह कुछ और नहीं, बल्कि भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जानबूझकर अपमान है.”
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री और विश्व विख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया था. पूर्व पीएम शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. तिरंगे झंडे में लिपटे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ निगम बोध घाट पर किया गया. उनकी बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी. यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता व सरकार के मंत्री मौजूद रहे.
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