नई दिल्ली (New Delhi) .आने वाले दिनों में कैदियों को छुट्टी देने पर विराम लग सकता है, यानि की कैदियों को पैरोल और फरलो पर जेल से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. बता दें कि इस लेकर गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने सभी राज्यों को एक पत्र लिखकर कहा है कि कैदी पैरोल और फरलो के पूरे हकदार नहीं है. इसके लिए कैदियों को तय नियम के मुताबिक ही छुट्टी की इजाजत दी जानी चाहिए.
जानकारी के मुताबिक कैदियों के पैरोल पर मंत्रालय ने सभी राज्यों को गाइडलाइंस भी जारी कर दी है. गृह मंत्रालय (Home Ministry) की गाइडलाइंस के अनुसार आतंकवादी, जघन्य अपराधों से जुड़े किसी भी अपराधी को पैरोल पर भेजना समाज के लिए खतरा साबित हो सकता है, इसकारण इन अपराधियों को पैरोल पर भेजने की मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए.
मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी कैदी को पैरोल देने से पहले अधिकारियों, व्यवहार विशेषज्ञों की कमेटी बने और यह जांच करे की क्या परिस्थिति हैं और क्या तथ्य हैं फिर उसी के आधार पर ही किसी भी कैदी को छुट्टी दी जाएं. वहीं जिस अपराधी पर यौन अपराध, बच्चों की किडनैपिंग या किसी दंगे में शामिल होने का आरोप है उन्हें परोल बिल्कुल भी नहीं देनी चाहिए.
मंत्रालय के मुताबिक महामारी (Epidemic) के कारण कई कैदियों को पैरोल पर बाहर भेजा है जिसके कारण वह फिर से अपराध में शामिल हो गए है.इस देखकर मंत्रालय ने साफ कह दिया है किसी भी अपराधी पर हिंसा भड़काने से लेकर गंभीर अपराध करने वाले आरोपियों को रिहाई नहीं देनी चाहिए.वे कैदी जो डकैती,मादक तस्करी, गंभीर अपराधों में शामिल हो और जिनके पैरोल की अवधि पूरी हो चुकी हो लेकिन उसके बाद भी जिलाधिकारी या पुलिस (Police) को थोड़ा सा भी शक हो तब उन्हें तब भी रिहा करने की इजाजत दी जानी चाहिए.