New Delhi, 5 अगस्त . भारतीय सर्विसेज की मांग में सुधार होने के कारण जुलाई में सर्विसेज सेक्टर में नए ऑर्डर, वैश्विक बिक्री और आउटपुट में सुधार देखा गया. यह जानकारी Tuesday को एक निजी सर्वेक्षण में दी गई.
एचएसबीसी इंडिया के मुताबिक, जुलाई का सर्विसेज पीएमआई 60.5 रहा है, जो कि जून के आंकड़े 60.4 से मामूली रूप से अधिक है. यह अगस्त 2024 के बाद सर्विसेज पीएमआई का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
जब भी पीएमआई 50 से अधिक होता है तो यह वृद्धि को दिखाता है, जब भी यह 50 से कम होता है तो गिरावट को दर्शाता है.
एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, “सर्विसेज पीएमआई 60.5 पर होना दिखाता है कि सर्विस सेक्टर में मजबूत रुझान बना हुआ है. इसकी वजह नए एक्सपोर्ट ऑडर्स का बढ़ना है. भविष्य के लिए आशावाद बढ़ा है लेकिन यह 2025 की पहली छमाही के स्तरों से नीचे हैं.”
भंडारी ने कहा, “इनपुट और आउटपुट दोनों की कीमतें जून की तुलना में थोड़ी तेजी से बढ़ीं, लेकिन आगे चलकर इसमें बदलाव हो सकता है, जैसा कि हालिया सीपीआई और डब्ल्यूपीआई प्रिंट से संकेत मिलता है.”
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि सर्वेक्षण में शामिल कंपनियों के नए बिजनेस में बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण आउटपुट में भी इजाफा हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, विज्ञापन, मांग में तेजी और नए ग्राहकों के जुड़ने से नए ऑर्डरों में आई हालिया तेजी को बल मिला.
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय सर्विसेज प्रोवाइडर्स की सेवाओं की अंतर्राष्ट्रीय मांग में मजबूत सुधार दर्ज किया गया है. उन्हें एशिया, कनाडा, यूरोप, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका से नए ऑडर्स मिले हैं. इस दौरान बिक्री वृद्धि दर तेज रही और एक साल में मई के बाद दूसरी सबसे तेज वृद्धि दर रही.
नए ऑर्डर और व्यावसायिक गतिविधि दोनों के लिहाज से वित्त और बीमा क्षेत्र सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला क्षेत्र रहा. दूसरी ओर रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएं रहीं, जहां सबसे धीमी वृद्धि दर्ज की गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यावसायिक विश्वास को बढ़ावा देने वाले कारकों में दक्षता में वृद्धि, मार्केटिंग, तकनीकी नवाचार और बढ़ती ऑनलाइन उपस्थिति शामिल हैं.
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एबीएस/