कोलकाता, 6 अप्रैल . भाजपा नेता दिलीप घोष ने पूजा पंडालों में मूर्ति तोड़े जाने और हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई. कोर्ट की अनुमति के बाद शोभायात्रा की इजाजत पर बंगाल सरकार को फटकारा तो ये भी दावा किया कि अब हिंदू समाज में गुस्सा बढ़ रहा है.
ये बातें उन्होंने पश्चिम बंगाल के 24 परगना में एक भाषण में कहीं. उन्होंने कहा कि बंगाल में मूर्ति तोड़ना, पूजा पंडालों में आग लगाना और ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं, लेकिन राज्य सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती.
घोष ने कहा, “यहां बसंत पूजा, काली पूजा, लक्ष्मी पूजा और दुर्गा पूजा में मूर्तियां तोड़ी गईं, पंडाल जलाए गए, लेकिन सरकार चुप है. इससे हिंदू समाज में गुस्सा बढ़ रहा है.”
उन्होंने रामनवमी शोभायात्रा के बढ़ते महत्व पर भी बात की. घोष के मुताबिक, “हिंदू समाज अब खुद जवाब दे रहा है. रामनवमी की शोभायात्रा इसी का नतीजा है. हर साल इसमें उत्साह बढ़ रहा है.”
उन्होंने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए. कहा, “पुलिस का काम शोभायात्रा में बाधा डालना नहीं, बल्कि बाधा डालने वालों को रोकना है. अगर पुलिस यह नहीं करेगी, तो राम अपना काम खुद करेंगे.”
घोष ने यह भी कहा कि बंगाल में धार्मिक या राजनीतिक आयोजनों के लिए कोर्ट से इजाजत लेनी पड़ती है, क्योंकि राज्य सरकार पुलिस को अनुमति नहीं देती.
बीते दिन संकरेल में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान कुछ लोगों के शस्त्र ले जाने की घटना पर घोष ने कहा, “अगर किसी ने राम के सम्मान में शस्त्र उठाया, तो इसमें गलत क्या है? यह राम को सम्मान देने का तरीका है.”
उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें नहीं लगता कि पुलिस रामनवमी शोभायात्रा में कोई रुकावट डालेगी, क्योंकि लोगों का उत्साह साफ दिख रहा है.
दिलीप घोष ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा. उन्होंने हिंदू समाज के गुस्से को रेखांकित करते हुए चेतावनी दी कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो लोग खुद अपनी रक्षा के लिए आगे आएंगे.
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एसएचके/केआर