मुंबई, 18 दिसंबर . शरद पवार गुट के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद माजिद मेमन ने बुधवार को से खास बातचीत में विभिन्न मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी.
भाजपा ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश होने के दौरान गैरहाजिर अपनी पार्टी के सांसदों को नोटिस जारी किया है. इसमें नितिन गडकरी का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है. इस पर माजिद मेमन ने कहा, “अगर नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ नेता किसी मुद्दे पर अनुपस्थित रहते हैं, तो क्या यह एक संकेत है कि उनका समर्थन नहीं था या वे पार्टी के निर्देशों से असहमत थे? इस सवाल का जवाब मिलना चाहिए.”
उन्होंने कहा, “जेपीसी में बीजेपी हमेशा अपनी बहुमत की स्थिति का इस्तेमाल करती है, जिससे उसकी निर्णय लेने की प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं. यह लोकतांत्रिक सिद्धांतों के उल्लंघन जैसा है, क्योंकि ऐसे मामलों में जनता की आवाज़ पूरी तरह से सामने नहीं आ पाती है. इस पर एक राष्ट्रीय बहस होनी चाहिए, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित हो सके.”
अमित शाह द्वारा हर राज्य में यूसीसी लागू करने के बयान पर माजिद मेमन ने कहा कि जब हर राज्य में आपकी सरकार नहीं है, तो आप कैसे यूसीसी लागू करेंगे. जब आपकी हुकूमत हर राज्य में होगी, तब आप ऐसा बयान दीजिएगा. आपके द्वारा दिया गया बयान तभी प्रासंगिक माना जाएगा, जब हर राज्य में आपकी सरकार होगी. पूरा इंडिया ब्लॉक यूसीसी के विरोध में है.
वहीं, उन्होंने कहा, “भारत की स्थिति और अन्य देशों की स्थिति में अंतर है. उदाहरण के लिए, पाकिस्तान और बांग्लादेश में जहां मुस्लिम समुदाय की संख्या बहुत अधिक है, वहां की परिस्थितियां भारत से पूरी तरह अलग हैं. भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों, धर्मनिरपेक्षता और विविधता का सम्मान किया जाता है. भारत का संविधान हर नागरिक को समान अधिकार प्रदान करता है, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति से संबंध रखता हो.”
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