महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 नजदीक आ रहे हैं, और जैसे-जैसे चुनाव का समय करीब आता जा रहा है, विपक्ष ने अपनी पुरानी रणनीति फिर से अपनानी शुरू कर दी है. विपक्ष, जिसने लोकसभा चुनाव में झूठे प्रचार के जरिए सफलता हासिल की थी, वही रणनीति अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोहराने की कोशिश कर रहा है. इस बार उन्होंने महाराष्ट्र की क्षेत्रीय पहचान को केंद्र में रखा है और “महाराष्ट्र बनाम गुजरात” और “महाराष्ट्र बनाम दिल्ली” जैसे मुद्दों को उठाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहे हैं.
लेकिन, महायुति सरकार ने “महाराष्ट्र पहले, मराठी पहले” की नीति अपनाकर राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर किया है. राज्य और केंद्र की सरकार ने मिलकर यह साबित कर दिया है कि महाराष्ट्र के हित सबसे पहले हैं. उन्होंने कई महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दिलाई है और राज्य में निवेश की नई लहर को बुलाया है, जिससे रोजगार के कई अवसर सृजित हुए हैं. ऐसे में विपक्षी महा विकास अघाड़ी के लिए चुनाव में महायुति को चुनौती देना आसान नहीं होगा.
ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति: 40,870 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य
महाराष्ट्र में ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव आने वाले हैं. राज्य सरकार ने जल विद्युत उत्पादन के लिए 2.14 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस परियोजना से 40,870 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिससे राज्य में 72,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे. राज्य के ऊर्जा मंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में इस परियोजना से जुड़े कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे.
वाहन और ऊर्जा क्षेत्रों में भारी निवेश: सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक वाहन प्लांट
महाराष्ट्र सरकार ने वाहन और ऊर्जा क्षेत्रों में 1.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है. इस निवेश के तहत टावर सेमीकंडक्टर और अडानी ग्रुप तलोजा, पनवेल में एक सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट स्थापित करेंगे, जिससे 5,000 लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा, टोयोटा किर्लोस्कर द्वारा ओरिक सिटी में एक इलेक्ट्रिक वाहन प्लांट स्थापित करने की योजना है, जो लगभग 9,000 नई नौकरियों का सृजन करेगी. इन परियोजनाओं से महाराष्ट्र को इलेक्ट्रिक वाहनों और सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनने में मदद मिलेगी.
मनमाड-इंदौर रेलवे परियोजना: उत्तरी महाराष्ट्र का कायाकल्प
महाराष्ट्र के उत्तरी हिस्सों में विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने मनमाड-इंदौर रेलवे परियोजना के लिए 18,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इस परियोजना के तहत 30 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण होगा, जिससे 1,000 से अधिक गांवों और 30 लाख से अधिक लोगों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. इससे अविकसित क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को बल मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
नार-पार गिरना नदी लिंक परियोजना: सिंचाई के लिए बड़ी पहल
राज्य सरकार ने नार-पार गिरना नदी लिंक परियोजना के लिए 7,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इस परियोजना के तहत गुजरात से अतिरिक्त पानी को महाराष्ट्र की ओर मोड़ा जाएगा. यह परियोजना राज्य के उत्तरी हिस्सों, खासकर नासिक, जलगांव और धुले जिलों में लगभग 50,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करने में मदद करेगी. यह पहल किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी और कृषि उत्पादन में वृद्धि करेगी.
कोंकण, मराठवाड़ा, और विदर्भ: क्षेत्रीय विकास की दिशा में बड़े कदम
महायुति सरकार ने कोंकण, मराठवाड़ा और विदर्भ में क्षेत्रीय विकास को गति देने के लिए 81,000 करोड़ रुपये के सात प्रमुख प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. ये परियोजनाएं उन्नत वाहनों, सेमीकंडक्टर चिप्स और लिथियम बैटरी के उत्पादन पर केंद्रित होंगी, जिससे 20,000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे. इन परियोजनाओं से इन पिछड़े हुए क्षेत्रों का औद्योगिक विकास तेजी से होगा और राज्य के सभी हिस्सों में समान विकास सुनिश्चित होगा.
गडवान बंदरगाह परियोजना: महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गडवान बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी है. यह परियोजना विदेशी व्यापार को बढ़ावा देगी और महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी. इस बंदरगाह परियोजना के लिए महाराष्ट्र ने चार अन्य राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा की, और अंततः इसे मंजूरी मिली. इसका प्रमुख कारण समृद्धि एक्सप्रेसवे के साथ इसकी रणनीतिक कनेक्टिविटी है, जिससे यह परियोजना महाराष्ट्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगी.
सड़कों और बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास
महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत केंद्र सरकार ने 655.66 करोड़ रुपये की लागत से 745.286 किलोमीटर लंबी 117 सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी है. इन सड़कों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर तरीके से शहरी केंद्रों से जोड़ने के लिए किया जाएगा, जिससे ग्रामीण इलाकों में विकास के नए रास्ते खुलेंगे.