नई दिल्ली, 6 सितंबर . हरतालिका तीज महिलाओं के लिए एक बड़ा त्योहार माना जाता है. हरतालिका तीज के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए निर्जला उपवास करती हैं.
महिलाओं का यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. हरतालिका तीज के दिन पूजा करके और व्रत के माध्यम से महिलाओं को अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद भगवान से प्राप्त होता है. इसके अलावा विवाहित महिलाएं ही नहीं, बल्कि कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को रखती हैं, क्योंकि हिंदू ग्रंथों में ऐसी मान्यता है कि यह व्रत उन्हें अच्छा जीवनसाथी पाने में मदद करता है.
हरतालिका तीज पर महिलाएं अपने व्रत की शुरुआत सूर्योदय के साथ करती हैं और इस दिन पूजा करने का विधान प्रदोष काल तक रहता है. इस वर्ष हरतालिका तीज का व्रत 5 सितंबर को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया से शुरू होगा जो 6 सितंबर को समाप्त होगा. सभी महिलाएं 7 सितंबर 2024 को सूर्योदय के बाद तीज का व्रत खोलेंगी. 7 सितंबर को सूर्योदय का समय 6 बजकर 14 मिनट है.
इस व्रत को पारण करते समय महिलाओं को विशेष सावधानियां रखनी चाहिए. महिलाएंओं को व्रत स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनना चाहिए और फिर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करना चाहिए.
फिर पूजा के बाद महिलाओं को भगवान को प्रसाद अर्पित करना चाहिए. इसके बाद जल पीकर प्रसाद ग्रहण कर तीज का व्रत खोल लेना चाहिए. इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि महिलाओं को तीज का व्रत लहसुन, प्याज और नमक वाले खाने से नहीं खोलना चाहिए.
हरतालिका तीज के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 6 सितंबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन प्रातः काल पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. वहीं, प्रदोष काल की पूजा का मुहूर्त 6 सितंबर को शाम 6 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. इन मुहूर्तों के अनुसार पूजा करके हरतालिका तीज का व्रत संपन्न किया जा सकता है.
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पीएसएम/एएस