फायरब्रांड नेता के रूप में कैसे बनी प्रवेश वर्मा की पहचान, जानें ‘महरौली’ से ‘नई दिल्ली’ तक का उनका सफर

नई दिल्ली, 17 जनवरी . दिल्ली विधानसभा की सबसे चर्चित सीट नई दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर प्रवेश वर्मा चुनावी मैदान में हैं. दिवंगत भाजपा नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा एक फायरब्रांड हिंदू नेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं और अपने बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं.

प्रवेश वर्मा ने साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में महरौली सीट से चुनाव लड़ा था और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कांग्रेस के योगानंद शास्त्री को हराकर जीत दर्ज की थी. इसके बाद भाजपा ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट दिया और उन्होंने पश्चिम दिल्ली से चुनाव लड़कर कांग्रेस के महाबल मिश्रा को हराया. संसद में उन्होंने शहरी विकास पर स्थायी समिति और संसद सदस्यों के वेतन और भत्ते पर संयुक्त समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया.

फायरब्रांड हिंदू नेता की छवि वाले प्रवेश वर्मा अपने बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. साल 2019 में सीएए आंदोलन के दौरान उन्होंने कुछ विवादित बयान दिए थे, जिससे वह काफी सुर्खियों में आए थे. इसके बाद 2022 में एक विशेष समुदाय के व्यापार को बायकॉट करने की अपील करने के कारण भी वह विवाद में आये थे. साल 2023 में छठ पूजा से पहले एक सरकारी अधिकारी के साथ उनका विवादित वीडियो भी वायरल हुआ था.

हाल ही में प्रवेश वर्मा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में उन पर जूते और साड़ी बांटने के आरोप लगे हैं. इस मामले में चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में वर्मा के खिलाफ पुलिस को शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया है.

प्रवेश वर्मा का जन्म 7 नवंबर 1977 को दिल्ली में हुआ था. इंटरनेशनल बिजनेस में उन्होंने एमबीए किया है और अब वह राजनीति में सक्रिय हैं. उनकी पत्नी का नाम स्वाति सिंह है. दंपति के एक बेटा और दो बेटियां हैं.

नई दिल्ली सीट पर प्रवेश वर्मा का मुकाबला आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है. मुकाबला इसलिए महत्वपूर्ण है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उन्हें मैदान में उतारकर पार्टी नेतृत्व ने यह संदेश दिया है कि वह उन्हें मजबूत उम्मीदवार मानती है और दिल्ली की राजनीति में उनका कद बढ़ गया है.

दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को एक चरण में चुनाव होगा और नतीजे की घोषणा 8 फरवरी को होगी. राष्ट्रीय राजधानी में एक करोड़ 55 लाख से अधिक वोटर्स हैं. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83.49 लाख, महिला मतदाता 71.74 लाख और युवा मतदाता 25.89 लाख हैं. उधर, पहली बार वोट देने जा रहे मतदाताओं की कुल संख्या 2.08 लाख है.

पीएसके/एकेजे