नई दिल्ली, 30 सितंबर . दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. जमानत पर जेल से बाहर आते ही अरविंद केजरीवाल ने जीत की स्क्रिप्ट लिखनी शुरू कर दी है. यही वजह है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और दूसरे मंत्री अब सड़कों पर उतर आए हैं. इसे लेकर विपक्ष ने राजनीति शुरू कर दी है.
एमसीडी में विपक्ष के नेता इकबाल सिंह ने से बात करते हुए कहा, सीएम आतिशी दो महीने में कितनी सड़कें बनवा देंगी. इन्हें ठीक करने में कम से कम एक साल तो लग ही जाएगा. दिल्ली कोई छोटी जगह नहीं है. पांच साल सरकार क्या कर रही थी? क्या सीएम आतिशी के पास इसका कोई जवाब है. पांच साल सीएम आतिशी शराब घोटालेबाजों के लिए लड़ रही थीं. अब जब चुनाव आने वाले हैं, तो ये लोग फिर से हमदर्दी का रोना रोने लगेंगे. इसके बाद किसी न किसी एजेंसी को कोसेंगे.
श्रीनिवासपुरी के निगम पार्षद राजपाल सिंह ने से बात करते हुए कहा कि यह दिल्ली सरकार की विफलता है. पांच साल उन्हें ये गड्ढे नजर नहीं आए. अब जबकि दो महीने बाद चुनाव है, तो उन्हें दिल्ली की सड़कें याद आ रही हैं. दिल्ली की जनता ने मन बना लिया है कि इसे अब उसी की भाषा में सबक सिखाया जाना चाहिए. दिल्ली हर राज्य से पिछड़ गई है. सड़कों पर गड्ढों के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है और दिल्ली गैस चैंबर बन गई है. दिल्ली की जनता ने इसका संज्ञान लिया है और इसका परिणाम लोकसभा चुनाव में दिखा. लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत हासिल की है. यह इसका जीता जागता उदाहरण है.
उन्होंने कहा कि सीएम आतिशी दिल्ली की अस्थायी सीएम हैं. दिल्ली की अधिकतर सड़कें खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं. लेकिन अब दिल्ली की जनता समझ चुकी है. उन्हें जल्द ही कालका जी से हराकर वापस भेजा जाएगा और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी, जो नई सोच के साथ दिल्ली को बेहतर बनाने का काम करेगी.
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