अदन, 26 जनवरी . यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार ने सना में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और अंतरराष्ट्रीय एवं स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के 13 कर्मचारियों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने एक बयान में हिरासत को “अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का घोर उल्लंघन” बताया और चेतावनी दी कि इससे मानवीय कार्यकर्ताओं के जीवन और सुरक्षा को सीधे तौर पर खतरा है.
यह निंदा संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुक्रवार को की गई घोषणा के बाद की गई है, जिसमें कहा गया था कि वह गिरफ्तारियों के कारण हूती-नियंत्रित उत्तरी यमन में सभी आधिकारिक गतिविधियों को निलंबित कर रहा है. यह निलंबन हूती समूह द्वारा संयुक्त राष्ट्र के सात अतिरिक्त कर्मचारियों को हिरासत में लिए जाने के बाद किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक बयान में हिरासत को “अस्वीकार्य” बताया और पुष्टि की कि संयुक्त राष्ट्र हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
हूतियों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवीय संगठनों के कई कर्मचारियों को हिरासत में लिया है, जिनमें से अधिकतर 2023 के मध्य से हैं. जून 2024 में, हूतियों ने सना में संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय सहायता संगठनों के कर्मचारियों को सामूहिक रूप से हिरासत में लिया था. उनका दावा था कि उन्होंने अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े “अमेरिकी-इजरायली जासूसी नेटवर्क के प्रमुख सदस्यों” को हिरासत में लिया है.
संयुक्त राष्ट्र ने हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई के लिए बार-बार अपील की है. इस संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस द्वारा दिसंबर 2024 में सना की यात्रा भी की थी. उन्होंने उनकी रिहाई के लिए बातचीत करने की मांग की थी.
2014 के अंत से ही हूतियों ने सना और उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर रखा है, वे यमन सरकार के प्रति वफादार बलों से लड़ रहे हैं.
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एससीएच/केआर