भुवनेश्वर, 19 सितंबर . Odisha विधानसभा में Friday को राज्य में उर्वरक संकट को लेकर विपक्षी बीजद नेताओं ने जमकर हंगामा किया.
सदन में प्रश्नकाल शुरू होते ही बीजद सदस्य तख्तियां और बैनर लेकर स्पीकर सुरमा पाधी के मंच के पास जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे. वे मांग कर रहे थे कि उर्वरक संकट पर चर्चा के लिए सदन की सारी कार्यवाही रोक दी जाए.
हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सिर्फ चार मिनट के प्रश्नकाल के बाद सदन को दोपहर 4 बजे तक स्थगित कर दिया. उल्लेखनीय है कि विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने भी उर्वरक संकट के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया है.
बीजद की वरिष्ठ नेता और मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि Odisha में इस समय उर्वरक की बहुत कमी है. कई जगहों पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पर्याप्त मात्रा में उर्वरक नहीं मिल रहा. उर्वरक की कमी के कारण फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं. उन्होंने स्पीकर से अनुरोध किया कि किसानों के हित में, जो राज्य की 60 फीसदी आबादी हैं, सदन की सभी कार्यवाहियां रोककर उर्वरक संकट पर चर्चा की जाए.
कांग्रेस द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर एक सवाल के जवाब में, मलिक ने आगे कहा कि 10 से 15 मिनट की चर्चा जैसे गंभीर मुद्दे पर पर्याप्त नहीं है.
उन्होंने कहा कि बीजद ने स्पीकर से अनुरोध किया है कि सदन के अन्य सभी कामकाज को स्थगित कर दिया जाए और उर्वरक संकट पर केंद्रित और विस्तृत चर्चा की अनुमति दी जाए.
वहीं, भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा, “बीजेडी और कांग्रेस नेता लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते. अगर वे लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास रखते, तो वे प्रश्नकाल के दौरान हंगामा नहीं करते. कांग्रेस और बीजेडी के सदस्य जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश कर रहे थे. हम इस मुद्दे पर विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए तैयार थे – तो फिर वे पीछे क्यों हट गए?”
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पीएसके