बाबासाहेब का अपमान करने वालों का सम्मान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता : केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू

नागपुर, 6 अक्टूबर . भारत के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने नागपुर में कांग्रेस पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोगों ने पीएम मोदी और भाजपा के खिलाफ आरक्षण खत्म करने का फेक नैरेटिव सेट किया और यह बहुत दुखद है कि अनुसूचित जाति व जनजाति समाज के लोगों ने ऐसे लोगों को सम्मान दिया.

किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर की जिसमें उन्होंने कैप्शन दिया, “दीक्षाभूमि की ओर से मेरा संदेश उन सभी लोगों के लिए है जो बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर के अनुयायी हैं और उन लोगों के लिए भी, जिन्होंने उनके जीवित रहने के दौरान और उनके परिनिर्वाण के बाद उन्हें अपमानित किया. जिन लोगों ने ‘आपातकाल’ लगाया और भारत के संविधान का दुरुपयोग किया, उन्हें बाबासाहेब का अपमान करने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए.”

किरेन रिजिजू ने वीडियो में कहा, “बाबासाहेब के निधन और 2014 में मोदी पीएम के आने के बीच की घटनाओं के बारे में अंबेडकर के अनुयायियों को जानना जरूरी है. बाबासाहेब को भारतीय संविधान के आर्किटेक्ट या पिता के तौर पर देखा जाता है. जब वह इस देश के पहले कानून मंत्री बने तो दर्द भरे शब्दों में जवाहर लाल नेहरू को पत्र सौंपा था कि मैं आपके साथ मंत्री नहीं रह सकता. इसके बाद जहां भी बाबासाहेब चुनाव लड़ने के लिए जाते थे, कांग्रेस और नेहरू उनको हराने के लिए पूरी ताकत लगा देते थे. उनके निधन के इतने सालों बाद उनको भारत रत्न दिया गया.”

उन्होंने आगे कहा, “नेहरू और उनके बाद के कांग्रेस पीएम बाबासाहेब का जिक्र नहीं करते थे. यह लोगों के दिल में अंबेडकर को बसने न देने के लिए कांग्रेस का षड्यंत्र था. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद 5 तीर्थ स्थल भीमराव अंबेडकर के नाम से विकसित किए हैं. मध्य प्रदेश में उनकी जन्म भूमि मऊ को विकसित किया है. लंदन में उस घर को खरीद लिया जहां उन्होंने वकालत की पढ़ाई की. ऐसे ही दिल्ली में महापरिनिर्वाण घर विकसित किया है. ऐसे ही हम मुंबई में प्रोजेक्ट विकसित कर रहे हैं. कई योजनाएं बाबासाहेब के नाम से लागू हैं.”

किरेन रिजिजू ने बताया कि पीएम मोदी ने सीएम रहते हुए संविधान यात्रा के जरिए हर किसी को संविधान की जानकारी दी थी. पीएम बनने के बाद उन्होंने संविधान दिवस मनाया था.

उन्होंने आगे कहा, “लोग बोलते हैं मोदी को वोट देंगे तो वह संविधान बदल देंगे. कांग्रेस ने इमरजेंसी लगाकर संविधान की हत्या की थी. बाबासाहेब को अपमानित करने वाले लोग उन लोगों पर आरोप लगाते हैं जिन्होंने उन्हें सम्मानित करने का काम किया. इससे बड़ा पाप क्या हो सकता है? जब मैंने देखा की महाराष्ट्र जैसी जगह पर फेक नैरेटिव चलाया तो मुझे तीन चार दिन खाना हजम नहीं हुआ था. क्योंकि जिन्होंने बाबासाहेब के बाद दूसरे बौद्ध को मंत्री बनाया, जिन्होंने हमारे पूरे समाज को इज्जत दी, उनका अपमान करने वालों के सम्मान में हमारे समाज के लोग नारे लगा रहे हैं. बौद्ध, एससी, एसटी के लोग राहुल गांधी की जयकार कर रहे थे. मुझे यह बात हजम नहीं हुई. हमारे लिए यह कलंक की तरह है. हम बाबासाहेब के दुश्मनों को सिर पर लेकर घूमना मंजूर नहीं कर सकते. क्या हम लोग उनका अपमान करने वालों के खिलाफ बदला नहीं ले सकते?”

किरेन रिजिजू ने कहा कि 2014 से पहले हम लोगों को कोई नहीं पूछता था. विदेश में भारत को कमजोर और गरीब देश माना जाता था. पीएम मोदी के आने के बाद विदेश में भारतीयों का सम्मान होता है. हमारे समुदायों के लोगों को भी अपनी भूमिका निभानी होंगी. विशेषकर महिलाओं को, जिनके लिए 2029 के चुनाव महिला आरक्षण के साथ होंगे. महिलाओं के लिए कम से कम 33 प्रतिशत आरक्षण विधानसभा और लोकसभा में होगा. ये सब पीएम मोदी ने किया है. इसलिए हमें मजबूत होकर काम करना है. पीएम मोदी का मंत्र है ‘सबका साथ, सबका विकास, किसी को पीछे लेकर नहीं चलेंगे. बाबासाहेब के सपने को आगे ले जाएंगे और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए पीएम मोदी को भी मजबूत करेंगे.

इसके अलावा किरेन रिजिजू ने ‘एक्स’ पर एक और पोस्ट में भिक्खु संघ और मुंबई के वेन सदस्यों के साथ पीएम मोदी की मुलाकात की वीडियो भी शेयर की. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन लोगों ने पाली और मराठी को शास्त्रीय भाषा का अत्यंत आवश्यक दर्जा प्रदान करने के कैबिनेट के फैसले पर आभार व्यक्त किया.

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