पंजाब में बाढ़ प्रभावितों के लिए मान सरकार ने बड़ी घोषणाएं कीं, अरविंद केजरीवाल ने सराहा

New Delhi/चंडीगढ़, 13 सितंबर . आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व Chief Minister अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में हालिया भयानक बाढ़ के बाद State government के राहत और पुनर्वास कार्यों की खुलकर तारीफ की है. केजरीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है, जो वाकई सराहनीय है.

अरविंद केजरीवाल ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भयानक बाढ़ के बाद लोगों की जिंदगी को सामान्य बनाने के लिए पंजाब सरकार युद्धस्तर पर जो काम कर रही है वो वाकई सराहनीय है. गांवों की साफ-सफाई, मेडिकल कैंप, पशुओं का टीकाकरण, सामुदायिक भवनों की मरम्मत और मंडियों में खरीद की तैयारी, Chief Minister भगवंत मान ने पूरी प्लानिंग पंजाब के लोगों से साझा की.”

इससे पहले, Chief Minister भगवंत मान ने घोषणा की कि पानी उतरने के बाद किए जाने वाले कार्यों के लिए 100 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है, तय समय सीमा में काम पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 2,300 गांवों में सफाई अभियान चलाया जाएगा, जो 25 सितंबर तक पूरा होगा. इसके अलावा, सरकार जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्रॉली और मजदूर उपलब्ध कराएगी.

Chief Minister ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सफाई अभियान के साथ-साथ स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए फॉगिंग भी की जाएगी, कई गांवों में पहले ही राशि जारी कर दी गई है. शुरुआत में प्रत्येक गांव को 1 लाख रुपए दिए जाएंगे, जरूरत के अनुसार और राशि जारी की जाएगी.

सीएम मान ने कहा कि सरकार लगभग 2300 बाढ़ प्रभावित गांवों में चिकित्सा शिविर लगाएगी. ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए आम आदमी क्लीनिकों समेत गांवों में सार्वजनिक स्थानों पर हर समय चिकित्सा कर्मचारी मौजूद रहेंगे. सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अलग-अलग गांवों में 550 एम्बुलेंस तैनात करेगी.

उन्होंने यह भी बताया कि धर्मशाला, पंचायत घर और स्कूल जैसे सार्वजनिक स्थलों का काम 15 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा. तालाबों की सफाई 22 अक्टूबर तक पूरी कर ली जाएगी. साथ ही, सफाई कार्यों में सहयोग के लिए गैर सरकारी संगठनों और युवा क्लबों को आमंत्रित किया गया है.

किसानों को आश्वासन देते हुए भगवंत मान ने कहा कि बाढ़ के कारण लगभग 2,300 गांवों की फसलें बर्बाद हो गईं, लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पंजाब के बाकी बचे 11,000 गांवों के किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी न हो.

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