बेंगलुरु, 20 मार्च . कर्नाटक सरकार विधायकों को हनीट्रैप में फंसाने के मामले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश देगी. सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने विधानसभा में सनसनीखेज खुलासा किया कि उन पर भी हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई और विभिन्न दलों के कम से कम 48 राजनेता इसके शिकार हुए.
कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कांग्रेस के मंत्रियों के हनीट्रैप में फंसने के मामले को गंभीर बताया. उन्होंने कहा कि 40 से अधिक नेताओं को किसी और ने हनी ट्रैप में फंसाया है, हालांकि उन्होंने हनी ट्रैप करने की कोशिश करने वाले व्यक्ति का नाम उजागर नहीं किया. उनका कहना है कि यह कर्नाटक के इतिहास में पहली बार है कि ऐसा गंभीर मामला सामने आया है. इस मामले में पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए. राज्य के गृह मंत्री को इस मामले की गंभीरता से जांच करानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, जेडीएस और भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों का यही मानना है कि इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए. उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से बिना किसी देरी के इस मामले की जांच की अपील की. भाजपा नेता ने कहा, “मैं नहीं जानता कि इस पूरे प्रकरण के पीछे कौन है, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के सदस्य खुद दावा कर रहे हैं कि यह एक मुद्दा है और एक मंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि वह इसके शिकार हैं.”
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के करीबी सहयोगी राजन्ना ने हनीट्रैप के बारे में खुलकर बात की और इसे एक “बीमारी” बताते हुए इसकी जांच की मांग की.
इससे पहले, गुरुवार को ही लोक निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली ने कहा कि उनके एक कैबिनेट सहयोगी पर हनीट्रैप के दो असफल प्रयास किए गए, जिनकी पहचान उन्होंने नहीं बताई.
सतीश जरकीहोली के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक सी.टी. रवि ने कहा, “सतीश जरकीहोली कोई आम आदमी नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कर्नाटक सरकार के मंत्री हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ लोग प्लान करके करीब 20 साल से हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी जांच होनी चाहिए. अगर जांच होगी तो सच्चाई बाहर आएगी.”
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एकेएस/एकेजे