नोएडा, 23 दिसंबर . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के नोएडा में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए तथा पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
सचिन पायलट ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा, “संसद सत्र में संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने अपने भाषण में बाबासाहेब का अपमान किया है. इस बयान से सभी आहत हैं. प्रधानमंत्री हों, गृह मंत्री या भाजपा, उन्हें संविधान से कोई मतलब नहीं है. बाबासाहेब को जानबूझ कर अपमानित किया गया. इसलिए न सिर्फ गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, बल्कि पूरी भाजपा सरकार को माफी मांगनी चाहिए.”
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस नहीं बल्कि हर वर्ग के लोग अंबेडकर जी को मान-सम्मान के साथ देखते हैं. उनके खिलाफ गृह मंत्री ने जो कहा है उससे उनका अपमान हुआ है. उन्होंने कहा, “मैं यह बात इसलिए नहीं कह रहा हूं कि हम विपक्ष में हैं. संसद के अंदर देश के गृह मंत्री ने इस तरह की बात कही है. उनको पूरे देश से माफी मांगनी पड़ेगी. ऐसा पहली बार नहीं है. बहुत सोच-समझकर उस संविधान पर चोट की गई जो देश के गरीब, आदिवासियों, वंचित लोगों को संरक्षण देती है. संविधान देश का सबसे बड़ा ग्रंथ है, जानबूझकर उसकी अवमानना की गई.”
उन्होंने कहा कि बाबासाहेब के खिलाफ जो कहा गया उससे पूरा देश आक्रोशित है. राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी लंबे अरसे से कह रही है कि इन लोगों को न तो संविधान की परवाह है, न ही संविधान में जो भावना अंबेडकर जी ने पेश की है उसकी परवाह है. गृह मंत्री ने जिन शब्दों का प्रयोग किया है वे अपमानजनक हैं. उनके इस बयान से देश का हर व्यक्ति आज आक्रोशित है. भाजपा की ओर से धक्का-मुक्की और मारपीट का जो आरोप लगाया गया है वह अशोभनीय है.
सचिन पायलट ने कहा कि देश की संसद में आज से पहले कभी नहीं देखा कि बल प्रयोग किया गया. उन्होंने कहा, “मुझे बड़ा खेद है, जो ड्रामा किया गया. कोई भाजपा के सांसद गिर रहे हैं. अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. कोई आईसीयू में हैं. फिर उनको प्रधानमंत्री फोन कर रहे हैं. जब चोट लगी तो घाव नहीं थे, अस्पताल पहुंचे तो बड़ी-बड़ी पट्टियां लगा ली. यह सब इसलिए किया गया क्योंकि गृह मंत्री के ऊपर जो लोगों का गुस्सा था, उसे डायवर्ट किया जा सके.”
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पीकेटी/एकेजे