नई दिल्ली, 22 मई . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को 32 रियल-टाइम जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों की स्थापना की प्रगति की समीक्षा के बाद कहा कि यमुना सिर्फ एक नदी नहीं है, बल्कि हमारे लिए आस्था का प्रतीक भी है और इसीलिए इसकी सफाई प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता है.
एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री शाह ने यमुना की सफाई, पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा दिल्ली में सीवेज प्रणाली में सुधार के निर्देश दिए.
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि 10 जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जबकि शेष 22 स्टेशन नदी में गिरने वाले प्रमुख नालों में जल गुणवत्ता की निगरानी करेंगे.
नदी के लिए जल निगरानी स्टेशन स्थलों में ओखला बैराज, आईटीओ ब्रिज, पल्ला, आईएसबीटी ब्रिज और निजामुद्दीन ब्रिज शामिल होंगे.
गृह मंत्री शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय गृह सचिव, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के सचिव, दिल्ली के मुख्य सचिव और केंद्र तथा दिल्ली सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
गृह मंत्री शाह ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय को सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित करनी चाहिए, जिसमें उनकी गुणवत्ता, रखरखाव और निर्वहन के लिए मानक स्थापित किए जाएं. इस एसओपी को अन्य राज्यों के साथ भी साझा किया जाना चाहिए. दिल्ली में यमुना, पेयजल और जल निकासी के लिए योजनाएं 20 वर्षीय दृष्टिकोण के साथ बनाई जानी चाहिए.
उन्होंने यमुना की सफाई में दिल्ली जल बोर्ड की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और इसे मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने बोर्ड में रिक्त पदों को तत्काल भरने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि शहर में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी जल प्रबंधन आवश्यक है. दिल्ली में जलापूर्ति के लिए जल बोर्ड को पाइपलाइनों में लीकेज रोकने के साथ ही जल वितरण ढांचे को मजबूत करना चाहिए.
उन्होंने नालियों से गाद निकालने के लिए विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भी जोर दिया.
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एकेएस/एबीएम