ऋषिकेश, 13 मार्च . ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन में होली का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. स्वामी चिदानंद सरस्वती ने महामृत्युंजय मंत्र के जाप के साथ होली की शुरुआत की.
होली के अवसर पर यहां एक अनूठा दृश्य देखने को मिला, जब विश्व के विभिन्न देशों से आए विदेशी श्रद्धालु भी रंगों के इस महापर्व में शामिल होकर भारतीय संस्कृति का आनंद ले रहे थे.
आश्रम परिसर गुलाल और रंगों से सराबोर हो गया है, जहां भक्तों ने भक्ति संगीत और नृत्य के साथ उत्सव को और भी खास बना दिया. रंग-बिरंगे गुलाल और होली के गीतों के साथ श्रद्धालुओं ने इस त्योहार का जमकर जश्न मनाया.
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, चिदानंद मुनि ने भी विदेशियों के साथ मिलकर जमकर होली खेली और प्रेम तथा सद्भावना का संदेश दिया. उन्होंने इस अवसर पर कहा, “होली न केवल रंगों का त्योहार है, बल्कि यह एकता और भाईचारे का प्रतीक है. आज यहां हम सब मिलकर इस परंपरा को न केवल मानते हैं, बल्कि इसका जश्न भी मनाते हैं.”
इस अवसर पर गंगा तट पर विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया. श्रद्धालु इस अनोखे अनुभव का आनंद लेते हुए भारतीय संस्कृति की रंगीन छटा में रंगे नजर आए.
वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तमाम देशवासियों और प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “होली आपसी प्रेम और सौहार्द्र का पर्व है, जो समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है. हमें एकजुट होकर एक-दूसरे का साथ देना चाहिए और मिलजुल कर राज्य को प्रगति की ओर अग्रसर करना चाहिए. रंगों का त्योहार होली आप सभी के जीवन में खुशियां, समृद्धि और उल्लास लेकर आए. मैं सभी को रंगों के त्योहार की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं.”
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एकेएस/एकेजे