नई दिल्ली, 7 जनवरी भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों में वृद्धि के बीच केंद्र ने मंगलवार को राज्यों से देश में श्वसन संबंधी बीमारियों पर निगरानी की समीक्षा करने को कहा है.
देश में अब तक कर्नाटक (2), गुजरात (1) और तमिलनाडु (2) से एचएमपीवी के सात मामले सामने आए हैं. सभी मामले 3 महीने से लेकर 13 साल की उम्र के छोटे बच्चों में पाए गए.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने वर्चुअल मोड में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, “राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) निगरानी को मजबूत करना चाहिए और इसकी समीक्षा करनी चाहिए.”
उन्होंने दोहराया कि आमतौर पर सर्दियों के महीनों में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि देखी जाती है.
स्वास्थ्य सचिव ने कहा, “देश श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में किसी भी संभावित स्थिति के लिए तैयार है.”
श्रीवास्तव ने कहा, “एचएमपीवी से जनता को परेशान होने की जरूरत नहीं है.”
यह बैठक भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों की वर्तमान स्थिति और चीन में एचएमपीवी मामलों में उछाल की रिपोर्ट के बाद रखी गई थी. इसके साथ ही इस बैठक में सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की भी समीक्षा की गई.
इस बैठक में सचिव (डीएचआर) डॉ. राजीव बहल, डीजीएचएस डॉ. (प्रो.) अतुल गोयल, राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और अधिकारी, एनसीडीसी, आईडीएसपी, आईसीएमआर, एनआईवी और आईडीएसपी की राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञ शामिल हुए.
श्रीवास्तव ने एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, “देश में कहीं भी आईएलआई/एसएआरआई मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है.”
श्रीवास्तव ने राज्यों को वायरस के संक्रमण की रोकथाम के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने की भी सलाह दी है.
जारी की गई सलाह में साबुन से बार-बार हाथ धोना, बिना धुले हाथों से अपनी आंखें, नाक या मुंह को छूने से बचना, ऐसे लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना जिनमें बीमारी के लक्षण दिख रहे हों. इसके साथ ही खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकना जैसी बातें कही गई हैं.
एचएमपीवी कई श्वसन वायरस में से एक है जो सभी उम्र के लोगों में संक्रमण का कारण बन सकता है. वायरस का संक्रमण आमतौर पर हल्का और स्व-सीमित स्थिति वाला होता है और अधिकांश मामले अपने आप ठीक हो जाते हैं.
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एमकेएस/केआर