नई दिल्ली, 20 सितंबर . तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर सियासत गरमा गयी है. हिंदू संगठनों के साथ-साथ तमाम राजनीतिक दलों की ओर से आपत्तियां दर्ज करायी गई हैं.
झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि, सिर्फ चंद्रबाबू नायडू ने आरोप नहीं लगाया है, जो प्रयोगशाला से रिपोर्ट आई है, उसमें यह पुष्टि हुई है कि घी में मछली का तेल और जानवर की चर्बी मिलाई जाती थी. वाईएसआर कांग्रेस सरकार के दौरान हिंदू भावनाओं को आहत करने की कोशिश की गई.
उन्होंने कहा कि, तिरुपति के प्रति करोड़ों लोगों की आस्था है. ऐसे में वहां कोई इस तरह के काम में लिप्त पाया जाता है, तो निश्चित रूप से यह अक्षम्य अपराध है. नायडू सरकार को मामले में गंभीर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि मंदिर की प्रतिष्ठा और प्रसाद की पवित्रता पर कोई आंच ना पहुंच पाए.
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि अगर प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने की बात सच है, तो इसकी निष्पक्ष जांच हो और इसमें शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. इसके साथ ही उन्होंने इस मसले के तार ‘ध्रुवीकरण की साजिश’ संग जुड़े होने की आशंका जताई.
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इस मामले में कहा कि, यह शुद्ध रूप से आस्था पर आक्रमण और विश्वास के साथ विश्वासघात का मामला है. यह जानबूझकर सुनियोजित साजिश और षड्यंत्र के तहत किसी व्यापारी हितों के ध्यान में रखकर आस्था पर आक्रमण किया गया है. उसके जो गुनहगार हैं, उनको सजा मिलनी चाहिए. जो भी दोषी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए.
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एकेएस/