मालेगांव, 16 मार्च . महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. हाल ही में उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने के संबंध में बयान दिया था. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि शिवाजी महाराज के साथ मुस्लिम नहीं थे. नितेश राणे के बयानों को लेकर एआईएमआईएम विधायक मुफ्ती इस्माइल कासमी ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
मुफ्ती इस्माइल कासमी ने कहा कि नितेश राणे ऐसे शख्स हैं जिन्हें हिन्दू समाज के लोग भी सुनना नहीं चाहते हैं.
मीडिया से बातचीत के दौरान एआईएमआईएम विधायक ने कहा कि इतिहास पर चर्चा करने के लिए पहले इतिहास का अध्ययन करना चाहिए. अगर नितेश राणे ने इतिहास नहीं पढ़ा है, तो वे कुछ भी गलत कह सकते हैं. आज, हिंदू समुदाय के प्रतिष्ठित इतिहासकार तथ्यात्मक विवरण प्रदान करते हैं, और उनके कथन यूट्यूब पर व्यापक रूप से उपलब्ध हैं. नितेश राणे अगर इतिहास पर चर्चा करना चाहते है, तो उन्हें पहले इसे सीखना चाहिए. मैं नितेश राणे को सलाह देता हूं कि वे बोलने से पहले देश का इतिहास पढ़ें. इतिहास पढ़ने के बाद अगर वह कुछ बयान देते हैं तो उनकी बात में वजन होगा. आज स्थिति ऐसी है किं उन्हें सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है. क्योंकि, वह कुछ भी बोलते हैं. सदन में भी हम लोगों ने देखा कि हिन्दू समाज भी नितेश राणे की बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं.
बता दें कि हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान नितेश राणे ने मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि जो तय किया गया है वह होकर रहेगा.
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र हटाने का मुद्दा गहराता जा रहा है. शनिवार को विश्व हिन्दू परिषद ने कहा है कि वह महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा कब्र हटाने के संबंध में जिला स्तर पर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा.
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