नागपुर/अकोला/मुंबई, 30 मार्च . हिंदू नववर्ष और गुड़ी पड़वा के मौके पर महाराष्ट्र में उत्साह का माहौल है. आज चैत्र नवरात्रि का पहला दिन भी है. नागपुर, अकोला, मुंबई, शिरडी और पुणे में शोभायात्राओं, पूजा और संकल्पों के साथ नए साल का स्वागत किया गया. मान्यता है कि आज ब्रह्मा जी ने पृथ्वी की रचना शुरू की थी, इसलिए यह दिन हिंदू नववर्ष का प्रतीक है.
नागपुर के तात्या टोपे नगर में गणेश मंदिर से आठ रास्ता चौक, लक्ष्मी नगर तक शोभायात्रा निकाली गई. इसमें आदिवासी नृत्य, शिव गर्जना बैंड, राम दरबार की झांकी, लेजिम अखाड़ा और घोड़ों ने रौनक बढ़ाई. गुड़ी (ध्वज, जो समृद्धि का प्रतीक है) खड़ी कर नववर्ष का स्वागत हुआ.
आयोजकों ने कहा, “हमारा नववर्ष 1 जनवरी नहीं, बल्कि आज से शुरू होता है. राम रक्षा पठन और परंपराओं के साथ हम हिंदू नववर्ष का हर्षोल्लास से स्वागत कर रहे हैं. शोभायात्रा में भारत की संस्कृति की झलक दिखी.”
अकोला में ‘संस्कृति संवर्धन समिति’ ने सुबह 8 बजे नववर्ष के स्वागत में रैली निकाली. पारंपरिक मराठी वेशभूषा में लोगों ने मोटरसाइकिलों पर शहर के मुख्य मार्गों पर परेड की. रैली श्री राज राजेश्वर मंदिर से शुरू होकर बिरला राम मंदिर पर खत्म हुई. हजारों अकोला वासियों ने गणमान्य लोगों के साथ हिस्सा लिया. जगह-जगह पुष्पवर्षा से रैली का स्वागत हुआ. समिति 19 साल से यह आयोजन कर रही है.
मुंबई के वर्ली-कोलीवाड़ा में विधायक आदित्य ठाकरे साई पालकी शोभायात्रा में शामिल हुए. स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया.
से बातचीत में उन्होंने कहा, “आज गुड़ी पड़वा और नववर्ष का पहला दिन है. मैं सभी को सुख, शांति और समृद्धि की शुभकामनाएं देता हूं.”
उन्होंने अपने क्षेत्र में लोगों के साथ उत्सव मनाया. शिरडी के साईं मंदिर को फूलों से सजाया गया. नववर्ष पर दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी.
एक श्रद्धालु ने को बताया, “हम मुंबई से साईं बाबा के चरण पादुका लेने आए हैं. इन्हें रत्नागिरी के संघेश्वर में मंदिर में रखेंगे, जिसका उद्घाटन 9 अप्रैल को होगा. गुड़ी पड़वा साढ़े तीन शुभ मुहूर्तों में से एक है. बाबा के आशीर्वाद से 40 साल से दर्शन कर रहे हैं. सबको शुभकामनाएं.”
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पुणे में परिवार के साथ गुड़ी पड़वा पर पूजा की.
उन्होंने कहा, “मराठी नववर्ष की शुभकामनाएं. यह त्योहार नई चेतना, उत्साह और संकल्पों का प्रतीक है. महाराष्ट्र में समृद्धि, स्वास्थ्य और भाईचारा बढ़े. हम सब मिलकर राज्य के विकास में योगदान दें.” उन्होंने आर्थिक और सामाजिक प्रगति पर जोर दिया.
गुड़ी पड़वा महाराष्ट्र की संस्कृति का अहम हिस्सा है. हिंदू धर्म में इसे साढ़े तीन शुभ मुहूर्तों में गिना जाता है. पूरे राज्य में लोग इसे धूमधाम से मना रहे हैं. शोभायात्राओं और पूजा के साथ नववर्ष का स्वागत हुआ. यह पर्व नई शुरुआत और एकता का संदेश देता है.
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एसएचके/केआर