शिमला, 27 जुलाई . हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल न होने “प्रदेश के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है.
भाजपा नेता ने कहा कि शिमला से दिल्ली जाने के बाद ‘इंडिया’ ब्लॉक के सभी नेताओं ने न जाने का फैसला किया. इस फैसले के बाद सीएम सुक्खू भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए. उन्होंने कहा, “राजनीतिक विरोध एक अलग मंच का विषय है, वहां राजनीति करने के कई अवसर हैं. जब बात प्रदेश के विकास और हित की हो तो राजनीति को आगे नहीं लाना चाहिए. उस समय राजनीति को किनारे रखना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि राज्य को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, बहुत बड़ी क्षति हुई है. खासकर जब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश को और मिलना चाहिए, तो यही सही जगह थी, जहां वह अपनी बात रख सकते थे क्योंकि प्रधानमंत्री भी इस बैठक में मौजूद थे. साथ ही वित्त मंत्री भी बैठक में मौजूद थे.
जयराम ठाकुर ने कहा कि वह वहां अपनी बात प्रभावी ढंग से रख सकते थे, लेकिन बैठक का बहिष्कार करना सही तरीका नहीं था. हिमाचल जैसे छोटे राज्य के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह केंद्र के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें और केंद्र से जो भी मदद मिल सकती है, उसे पाने की कोशिश करें, ताकि राज्य में काम और विकास हो सके.
उन्होंने कहा कि पिछले 18-19 महीने से पूरे प्रदेश का काम और विकास ठप है. इन्होंने 18 महीने में उतना कर्ज ले लिया जितना भाजपा सरकार ने पांच साल में लिया था. इसके बावजूद काम नहीं हो रहा है. पिछली बरसात में बंद हुई सड़कें अब तक नहीं बन सकी हैं.
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आरके/एकेजे