खेल के मैदानों पर टैक्स लगा रही है हिमाचल सरकार : पूर्व सीएम जयराम ठाकुर

शिमला, 6 अक्टूबर . हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने रविवार को खेल के मैदानों और खेल उपकरणों के उपयोग पर शुल्क लगाने के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह कदम खेदजनक है.

उन्होंने कहा कि शौचालय पर टैक्स लगाने के बाद अब राज्य सरकार ‘खेल-खिलाड़ी कर योजना’ लेकर आई है, जिसके तहत वह खेलों पर टैक्स लगा रही है. नेता प्रतिपक्ष ठाकुर ने एक बयान में कहा, “सरकार हर दिन प्रदेश की जनता पर कोई न कोई टैक्स लगा रही है. मुख्यमंत्री ‘कल्याणकारी राज्य’ की परिभाषा भूल गए हैं. एक-एक करके हर वर्ग को परेशान करने के बाद अब मुख्यमंत्री खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाना चाहते हैं.”

बता दें कि केंद्र की पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ‘खेलो इंडिया’ के तहत खेलों को बढ़ावा देने के लिए हर साल हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट खर्च कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार हिमाचल में खेलों और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाकर उन्हें राज्य की आय का स्रोत बनाने की कोशिश कर रही है.

इससे पहले भी सुक्‍खू सरकार अंडर-12 टूर्नामेंट आयोजित करने से रोक चुकी है. सरकार हर स्तर पर खेलों को हतोत्साहित करना चाहती है. खेलों के प्रति सरकार का यह रवैया शर्मनाक है. विपक्षी नेता ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खेलों पर लगाए गए टैक्स का विरोध करते रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जब ट्रायल होने हैं, तो सरकार मैदान के लिए 10,000 रुपये किराया मांग रही है. इसके अलावा, सरकार से समर्थन न मिलने के कारण एक प्रतिष्ठित खेल टूर्नामेंट का आयोजन दूसरे राज्य में किया जा रहा है और खेल उपकरण और मैदान के लिए शुल्क की मांग की जा रही है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्‍खू को इस तरह से जनता की आवाज को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए तथा खेलों और खिलाड़ियों पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए. भाजपा नेता ने कहा कि खेलों को प्रोत्साहित करना सरकार का काम है.

नेता प्रतिपक्ष ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार को खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए काम करना चाहिए, न कि उन पर कर लगाकर और खिलाड़ियों को हतोत्साहित करके खेलों को लाभदायक बनाना चाहिए.

उन्होंने कहा, “खिलाड़ी अपने लिए नहीं, बल्कि अपने राज्य और देश के लिए खेलता है. इसलिए यह राज्य का काम है कि वह उन्हें खेलने के लिए उपयुक्त माहौल मुहैया कराए, न कि उन पर कर लगाए और मैदान से लेकर खेल के उपकरणों तक हर चीज के लिए उनसे किराया वसूले.”

शिमला में संजौली मस्जिद पर आए फैसले पर एलओपी ठाकुर ने कहा कि इसे जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मस्जिद में अवैध रूप से बनी मंजिलों को गिराने के संबंध में अदालत के फैसले को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए.

आरके/