एचआईएल उन खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद होगा जो टीम से बाहर हैं : सलीमा टेटे

बेंगलुरू, 8 अक्टूबर . हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) सात साल के अंतराल के बाद इस साल दिसंबर में धमाकेदार वापसी के लिए तैयार है. झारखंड की रहने वाली भारतीय महिला टीम की कप्तान सलीमा टेटे का सपना अगले साल की शुरुआत में अपने घरेलू मैदान पर महिला लीग फाइनल खेलने का है.

इस साल की शुरुआत में हरेंद्र सिंह के भारतीय महिला हॉकी टीम की कमान संभालने के बाद कप्तान नियुक्त की गई मिडफील्डर ने हॉकी इंडिया लीग के लिए अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “मैं एचआईएल के लिए बहुत उत्साहित हूं, यह सात साल बाद फिर से शुरू हो रहा है. पूरी टीम पिछले कुछ दिनों से इस बात पर चर्चा कर रही है कि यह हमारे लिए कितना अच्छा अवसर है. हमें विभिन्न देशों की खिलाड़ियों के साथ घुलने-मिलने, उनके साथ खेलने, उनके खिलाफ खेलने और खिलाड़ियों के रूप में बेहतर होने का मौका मिलेगा.”

उन्होंने आगे कहा, “इससे सीनियर टीम का हिस्सा न रहने वाले युवाओं को भारतीय और विदेशी खिलाड़ियों की दिनचर्या को करीब से देखने का मौका मिलेगा. अपने करियर की शुरुआत में ही उच्च प्रदर्शन वाले पेशेवर माहौल में रहना उनके विकास के लिए चमत्कारी होगा. मुझे उम्मीद है कि एचआईएल उन खिलाड़ियों के लिए भी फायदेमंद होगा जो टीम से बाहर हैं. इससे उन्हें उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और खुद को तेज रखने का मौका मिलेगा.”

लीग 28 दिसंबर से शुरू होगी, जिसके मैच दो स्थानों पर खेले जाएंगे, जिनमें झारखंड के रांची में मारंग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम और ओडिशा के राउरकेला में बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम शामिल है.

महिला लीग का समापन 26 जनवरी, 2025 को रांची में होगा, जबकि पुरुषों का फाइनल 1 फरवरी को राउरकेला में होगा.

एचआईएल 2024-25 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी 13 से 15 अक्टूबर तक नई दिल्ली में होगी. प्रत्येक फ्रैंचाइज 24 खिलाड़ियों की टीम बनाएगी, जिसमें कम से कम 16 भारतीय खिलाड़ी (4 जूनियर खिलाड़ियों को अनिवार्य रूप से शामिल करते हुए) और 8 अंतरराष्ट्रीय सितारे शामिल होंगे. नीलामी में खिलाड़ियों को 2, 5 और 10 लाख के आधार मूल्य वाले तीन स्लैब में विभाजित किया जाएगा.

सलीमा ने कहा, “नीलामी जल्द ही होने वाली है और कैंप में इसे लेकर काफी चर्चा है. यह पहला संस्करण है, इसलिए मुझे रांची की टीम के लिए खेलने से ज्यादा कुछ पसंद नहीं है. उम्मीद है कि बची हुई दो महिला टीमों में से एक टीम रांची की होगी.

एएमजे/आरआर