Bhopal , 14 अक्टूबर . Madhya Pradesh Government का रोजगारपरक उच्च शिक्षा पर खास जोर है. राज्य के Chief Minister मोहन यादव ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को आईआईटी, आईआईएम और अन्य राष्ट्रीय संस्थानों की तर्ज पर विकसित करने की बात कही है.
मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग और प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में रोजगारपरक नवीन विषय प्रारंभ करने के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए Chief Minister मोहन यादव ने कहा कि Madhya Pradesh के सभी यूनिवर्सिटी कैंपस एवं अन्य उच्च शिक्षण संस्थान विश्वस्तरीय बनाए जाएं. यह सभी संस्थान आईआईटी, आईआईएम और अन्य राष्ट्रीय संस्थानों की तर्ज पर विकसित किए जाएं. सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान नहीं, सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में रोजगारपरक एवं बहुउद्देश्यीय विषय एवं कोर्सेस प्रारंभ किए जाएं.
Chief Minister यादव ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में अगले सत्र से कृषि संकाय और सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन में बीटेक में डेयरी टेक्नोलॉजी का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया है. विद्यार्थियों में इन कोर्सेस का प्रचार करें जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी इस विषय की पढ़ाई के लिए आगे आएं.
Chief Minister ने कहा कि विमानन क्षेत्र में बड़ा स्कोप है, इसलिए विश्वविद्यालयों में इसके पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएं. महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का भी समग्र अध्ययन कराया जाए. इसके लिए इस विश्वविद्यालय को आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय बनाने पर भी गंभीरता से विचार कर निर्णय के लिए रखा जाए.
उन्होंने कहा कि पाणिनी विश्वविद्यालय को आयुर्वेद विश्वविद्यालय बनाने से इस विश्वविद्यालय का परिधि क्षेत्र बढ़ेगा और प्रदेश के करीब 50 से अधिक आयुर्वेदिक महाविद्यालय इसके दायरे में आ जाएंगे. यह एक बड़ा कदम होगा.
Chief Minister यादव ने निर्देश दिए कि विश्वविद्यालयों में सभी प्रकार की भर्तियों को टाइम-फ्रेम में लाएं और जल्द से जल्द सभी प्रकार की भर्तियां एवं नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएं. इस पर अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं. वर्तमान में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के 364 पद भरे हुए हैं और इन्हीं श्रेणी के 1585 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है.
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एसएनपी/डीकेपी