रांची में बीटेक छात्रा की हत्या मामले में हाईकोर्ट ने अभियुक्त की फांसी बरकरार रखी

रांची, 9 सितंबर . झारखंड हाईकोर्ट ने रांची में बीटेक छात्रा की रेप करने के बाद हत्या करने और शव को घर में जला देने के बहुचर्चित केस में सीबीआई अदालत से सजायाफ्ता राहुल राज उर्फ रॉकी राज उर्फ अंकित उर्फ राज श्रीवास्तव उर्फ आर्यन की फांसी की सजा बरकरार रखी है.

सजायाफ्ता राहुल ने निचली अदालत की सजा को निरस्त करने के लिए अपील दायर की थी, जिस पर सोमवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया.

रांची की इस घटना की चर्चा देशभर में हुई थी. यह वारदात 15-16 दिसंबर 2016 को हुई थी. रांची के आरटीसी इंस्टीट्यूट में बीटेक की 19 वर्षीय छात्रा बूटी बस्ती में बहन के साथ रहती थी. उसके माता-पिता भी कभी-कभी रहने के लिए आते थे. 15 दिसंबर 2016 को छात्रा मकान में अकेली थी. शाम छह बजे वह कॉलेज से लौटी थी. राहुल ने उसका दिनभर पीछा किया था. छात्रा को इसका अहसास भी नहीं था.

16 दिसंबर की सुबह करीब 4 बजे राहुल उसके घर में घुस आया. राहुल ने उसके साथ रेप किया और जब छात्रा अचेत हो गई तो तार से उसका गला घोंट दिया. इसके बाद छात्रा के शरीर पर तेल डालकर आग लगा दी. उसने छात्रा के कपड़े भी दूसरे कमरे में फेंक कर आग लगा दी. वारदात को अंजाम देने के बाद वह दरवाजा बंद कर भाग निकला.

इस वारदात के बाद रांची में जनता का गुस्सा फूट पड़ा था और कई दिनों तक प्रदर्शन हुए थे. बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. एजेंसी ने करीब 300 लोगों से पूछताछ की थी. बाद में मोबाइल कॉल डंप के आधार पर राहुल का पता लगाया गया था.

राहुल नालंदा के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के घुरगांव का रहने वाला है. जांच में यह पाया गया कि वह आदतन अपराधी है. वह बूटी बस्ती में ही रह रहा था. उस पर पहले से पटना और लखनऊ में रेप के मामले दर्ज थे. सीबीआई जब राहुल की तलाश में उसके गांव पहुंची तो पता चला कि वह रेप के एक केस में लखनऊ की जेल में बंद है.

एजेंसी ने राहुल की मां के खून का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट कराया. मृतका के शरीर से उठाए गए स्वाब और नाखून के भीतरी अंश से डीएनए मैच कर गया. बाद में राहुल को लखनऊ जेल से प्रोडक्शन वारंट पर रांची लाकर पूछताछ की गई.

बाद में सीबीआई ने उसके खिलाफ चार्जशीट फाइल की. रांची स्थित सीबीआई कोर्ट ने 20 दिसंबर 2019 को उसे दोषी करार दिया था एवं मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में रखते हुए उसे 21 दिसंबर 2019 को फांसी की सजा सुनाई थी.

एसएनसी/एबीएम