दिल्ली सरकार जिला अदालतों में निर्बाध वाई-फाई पहुंच के लिए दायर जनहित याचिका पर विचार करेे : हाईकोर्ट

नई दिल्ली, 28 मार्च . दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी की सभी जिला अदालतों में निर्बाध वाई-फाई पहुंच के प्रावधान के संबंध में दायर एक जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार को विचार करने का निर्देश दिया.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने सरकार को आठ सप्ताह के भीतर जनहित याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया है.

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता, वकील अर्पित भार्गव ने दिल्ली सरकार को अर्जी देने की प्रक्रिया को नजरअंदाज कर दिया और सीधे अदालत का दरवाजा खटखटाया. पीठ ने उचित प्रक्रिया के महत्व पर जोर देते हुए याचिकाकर्ता से उचित कार्रवाई के लिए पहले सरकारी अधिकारियों के सामने शिकायतें पेश करने का आग्रह किया.

अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा, “यह निर्देश दिया जाता है कि याचिका को एक प्रतिनिधित्व के रूप में माना जाए और प्रतिवादी को आठ सप्ताह के भीतर कानून के अनुसार तर्कसंगत आदेश के माध्यम से निर्णय लेने का निर्देश दिया जाए.”

जनहित याचिका में सभी जिला अदालतों में वाई-फाई पहुंच सहित इंटरनेट कनेक्टिविटी के निरंतर रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार के हस्तक्षेप की मांग की गई. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इस मुद्दे की व्यापक जागरूकता को देखते हुए औपचारिक प्रतिनिधित्व अनावश्यक था, क्योंकि सरकार पहले से ही चुनौतियों और कानूनी कार्यवाही पर अविश्‍वसनीय इंटरनेट कनेक्टिविटी के प्रतिकूल प्रभाव से परिचित थी.

याचिका में इंटरनेट एक्सेस की कमी के कारण वकीलों और वादियों के सामने आने वाली बाधाओं, वर्चुअल कोर्ट सुनवाई, ईमेल पत्राचार और ई-फाइलिंग जैसे विभिन्न आवश्यक कार्यों में बाधा की ओर इशारा किया गया है. इसने अदालत परिसर के भीतर हितधारकों की परेशानी दूर करने में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सरकार की निष्क्रियता की आलोचना की.

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