हाईकोर्ट ने झारखंड सीजीएल परीक्षा के रिजल्ट पर रोक बरकरार रखी, 3 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

रांची, 31 अक्टूबर . Jharkhand हाईकोर्ट ने Jharkhand स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा के परिणाम के प्रकाशन पर लगाई गई अंतरिम रोक को बरकरार रखा है. परीक्षा में कथित पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर Friday को चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की बेंच में हुई सुनवाई के दौरान विभिन्न पक्षों ने दलीलें पेश की.

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि सीआईडी की जांच में अभी तक किसी तरह के पेपर लीक का साक्ष्य सामने नहीं आया है. परीक्षा में अलग-अलग तीन वर्षों के कुछ प्रश्नों की पुनरावृत्ति हुई है, जिसे पेपर लीक नहीं माना जा सकता है. इस मामले में हस्तक्षेपकर्ता दीपक उरांव व अन्य की ओर से Supreme court के वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण और अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कहा कि कहीं भी क्वेश्चन पेपर या आंसर शीट लीक की कोई बात सामने नहीं आई है और न ही किसी परीक्षा केंद्र से कोई शिकायत मिली है. ऐसे में परीक्षा पर रोक उचित नहीं है.

जेएसएससी के अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल ने पक्ष रखा. अदालत ने इस मामले में याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों का पक्ष सुनने के लिए अगली सुनवाई की तारीख 3 नवंबर निर्धारित की है.

बता दें कि 21 और 22 सितंबर 2024 को Jharkhand के विभिन्न जिलों में 823 परीक्षा केंद्रों पर जेएसएससी सीजीएल परीक्षा आयोजित की गई थी. लगभग 3 लाख 4 हजार 769 अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे. परिणाम के आधार पर आयोग ने 5 दिसंबर 2024 को 2145 अभ्यर्थियों की शॉर्टलिस्ट जारी की थी.

हालांकि, परिणाम जारी होने के बाद परीक्षा में पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोप लगने लगे. इसके बाद राजेश कुमार और अन्य याचिकाकर्ताओं ने Jharkhand हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 17 दिसंबर 2024 को परीक्षा परिणाम के प्रकाशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.

कोर्ट ने राज्य Government को निर्देश दिया था कि पेपर लीक से संबंधित शिकायतों पर परीक्षा संचालन अधिनियम, 2023 के तहत First Information Report दर्ज कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. निर्देश के बाद राज्य का अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) इस मामले में जांच कर रहा है.

एसएनसी/डीकेपी