कांग्रेस में हाईकमान का मतलब केवल गांधी परिवार : अरुण चतुर्वेदी

jaipur, 1 जुलाई . कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक में Chief Minister सिद्धारमैया के बदलाव की अटकलों पर कहा कि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को करना है और कोई भी व्यक्ति इस मामले में बेवजह विवाद या भ्रम ना फैलाए. उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और Rajasthan के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर बड़ा हमला बोला है.

उन्होंने कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे ने अनजाने में जो बात कह दी, वह वास्तव में सच है. दशकों से देश देख रहा है कि गांधी परिवार से ही कोई कांग्रेस अध्यक्ष बनता है. और अगर कोई और बन भी जाता है तो उसे जल्द ही हटा दिया जाता है. सीताराम केसरी का उदाहरण सबके सामने है.”

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस में हाईकमान का मतलब केवल गांधी परिवार है. सोनिया गांधी बैठी रहती हैं और खड़गे खड़े रहते हैं. अध्यक्ष के नाते उन्हें दरवाजे से घुसने तक नहीं दिया जाता, जहां गांधी परिवार के लोग चर्चा करते हैं. वहां उनकी एंट्री तक नहीं है. कांग्रेस में हाईकमान वही होगा, जो गांधी परिवार में जन्मा हो. दूसरा व्यक्ति केवल मोहरा हो सकता है, हाईकमान नहीं.

अरुण चतुर्वेदी ने आगे कहा कि कांग्रेस की इस कार्यशैली ने पार्टी के भीतर नेतृत्व के अवसरों को सीमित कर दिया है और इससे कार्यकर्ताओं के मनोबल को धक्का लगा है. कांग्रेस में गांधी परिवार के बिना कोई भी बड़ा निर्णय नहीं लिया जाता, जिससे पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं.

वहीं Actor नसीरुद्दीन शाह के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए अरुण चतुर्वेदी ने कहा, “मैं नसीरुद्दीन शाह से कहना चाहता हूं कि अगर आपका प्रभाव Pakistan में इतना है, तो आप बांग्लादेश और Pakistan में जाकर वहां के अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें.”

अरुण चतुर्वेदी ने Pakistan पर India के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा, “Pakistan बार-बार India की शांति भंग करता है. वहां से भेजे गए आतंकी जाति-धर्म पूछकर हत्याएं करते हैं. अगर आप ऐसे लोगों के साथ खड़े होते हैं, तो इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा. India एक लोकतांत्रिक देश है, जहां सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन इस अधिकार का दुरुपयोग देश की एकता और अखंडता के खिलाफ नहीं होना चाहिए.”

एकेएस/जीकेटी