रांची, 27 अप्रैल . रांची में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद दिल्ली से पहुंची केंद्रीय टीम ने स्वास्थ्य सेवाओं की आपात स्थिति और संक्रमण के प्रसार पर रोक के लिए की जा रही कार्रवाई का जायजा लिया. टीम में संयुक्त सचिव के स्तर के अधिकारी और विशेषज्ञ डॉक्टर हैं.
उन्होंने रांची स्थित मेडिकल कॉलेज और सदर हॉस्पिटल का निरीक्षण कर आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन बेड, पीपीई किट, एंटी वायरल एवं अन्य व्यवस्था की जानकारी ली.
रांची के होटवार स्थित क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र को बर्ड फ्लू का एपिक सेंटर बताया गया है. यहां करीब ढाई हजार मुर्गियों और बत्तखों को मारा गया है. इस कार्य में लगाए गए पांच कर्मियों को क्वारंटाइन किया गया है.
यह एहतियाती कदम इसलिए उठाया गया कि पक्षियों से एवियन इन्फ्लूएंजा का वायरस इंसानों में न पहुंचे. एपिक सेंटर के एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गी, बत्तख, अंडे की आवाजाही और खरीद बिक्री पर रोक लगा दी गयी है. इन क्षेत्रों में मुर्गियों, बत्तख की कलिंग भी कराई जा रही है.
बता दें कि होटवार स्थित क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र में बीते 12-13 अप्रैल को दो दर्जन चूजों की मौत के बाद उनके सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजे गए थे, जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है.
शनिवार को रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग और डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस यूनिट की टीम ने होटवार क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र पहुंचकर उन सभी लोगों के सैंपल लिए, जिन्हें पक्षियों के निस्तारण के काम में लगाया गया था. पक्षियों के संपर्क में रहने वालों के भी सैंपल लिए गए हैं.
दिल्ली से आई केंद्रीय टीम के हेड डॉ. रजनीश गुप्ता ने कहा कि बर्ड फ्लू संक्रमित पक्षियों-कुक्कुटों से यह वायरस इंसानों में पहुंच सकता है. ऐसे में सावधानी बरतना बहुत जरूरी है.
इधर, बर्ड फ्लू की पुष्टि की खबर के बाद रांची स्थित बिरसा जैविक उद्यान में पक्षियों का केज सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है. जानवरों के डाइट के मेन्यू में भी चिकन बंद कर दिया गया है. उन्हें इसकी जगह मटन दिया जा रहा है. यहां काम करने वाले सभी कर्मियों को मास्क पहनकर काम करने का निर्देश दिया गया है.
डॉक्टरों ने बताया कि जिनके घरों में कुक्कुट है या जो पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों की देखरेख करते हैं, उनमें अगर एवियन इन्फ्लूएंजा के लक्षण जैसे तेज बुखार, गले में खराश, सर्दी-जुकाम, शरीर में तेज दर्द, छाती में कफ, सांस लेने में दिक्कत, भूख में कमी जैसे लक्षण दिखें तो खुद को आइसोलेट कर तुरंत डॉक्टर से मिलें. जिस इलाके में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है उसके आसपास के एक किलोमीटर के रेडियस में रहने वाले लोगों को कम से कम 21 दिन तक चिकन, अंडा खाने से परहेज करना चाहिए.
इधर, बर्ड फ्लू की पुष्टि की खबर के बाद रांची स्थित बिरसा जैविक उद्यान में पक्षियों का केज सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है. जानवरों के डाइट के मेन्यू में भी चिकन बंद कर दिया गया है.
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एसएनसी/