हिज़्बुल्लाह ने निरस्त्रीकरण को खारिज किया, लेबनान से इजरायल की वापसी की मांग की

बेरूत, 26 अगस्त . हिजबुल्लाह के नेता शेख नईम कासिम ने उस मांग को खारिज कर दिया, जिसमें लेबनानी सशस्त्र समूह को हथियार छोड़ने के लिए कहा गया था. उन्होंने जोर देकर कहा कि हिजबुल्लाह के हथियार लेबनान की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए जरूरी हैं.

अल-मनार टीवी पर दिए गए एक भाषण में शेख नईम कासिम ने कहा, “हम अपने उन हथियारों को नहीं छोड़ेंगे जो हमारी सुरक्षा करते हैं, हमारे सम्मान और हमारी जमीन की रक्षा करते हैं. जो लोग हमसे हमारे हथियार लेना चाहते हैं, वे दरअसल हमारी आत्मा छीनना चाहते हैं. ऐसा कभी नहीं होगा.”

हिज़्बुल्लाह को हथियार छोड़ने की लेबनानी सरकार की हाल की मांग को शेख नईम कासिम ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह फैसला अमेरिका और इजरायल के दबाव में लिया गया है और यह सही नहीं है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, कासिम ने चेतावनी दी कि अगर हिज़्बुल्लाह को निरस्त्र किया गया, तो इससे सिर्फ इजरायल को फायदा होगा और यह उन हजारों लड़ाकों और नागरिकों के बलिदान का अपमान होगा जो हाल के संघर्षों में मारे गए हैं.

कासिम ने जोर देकर कहा कि लेबनान की समस्याएं “अमेरिका के समर्थन से हो रहे इज़रायली हमलों और कब्जे” की वजह से हैं. उन्होंने कहा कि देश के संकटों को हल करने का पहला कदम यह है कि इजरायल के हमले पूरी तरह बंद हों, वह कब्ज़े वाले लेबनानी इलाकों से हटे, कैदियों को रिहा किया जाए, और देश का दोबारा निर्माण करके लेबनान की संप्रभुता बहाल की जाए.

कासिम ने यह बात मानने से इनकार किया कि हिज़्बुल्लाह का काम खत्म हो गया है. उन्होंने कहा, “हमारा प्रतिरोध अभी खत्म नहीं हुआ है. यह दुश्मन से हमारी रक्षा करता है, हमें आजादी दिलाता है, और दुश्मन को आगे बढ़ने से रोकता है.” उन्होंने कहा कि 2006 से हिज़्बुल्लाह ने लेबनानी सेना और जनता के साथ मिलकर इजरायल को लेबनानी ज़मीन पर आगे बढ़ने से रोका है. कासिम ने यह भी कहा कि हिज़्बुल्लाह ने लगभग बीस सालों से लेबनान की सुरक्षा के लिए एक मजबूत रक्षक की भूमिका निभाई है.

कासिम ने लेबनान सरकार से अपील की कि वह विदेशी दबाव का विरोध करे. उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह और उसके सहयोगी लेबनान की संप्रभुता की रक्षा और देश के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए तैयार हैं.

एसएचके/एएस