झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ही झारखंडी फ्लेवर की सरकार है : सुबोधकांत सहाय

रांची, 27 सितंबर . झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने दो दिन पूरे कर लिए हैं. चुनाव आयोग ने कहा है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीख कभी भी तय की जा सकती है. पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने शुक्रवार को इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि झारखंड में एक हेमंत सोरेन की सरकार हीं है जो झारखंडी फ्लेवर की सरकार है.

कांग्रेस नेता ने से बातचीत में कहा कि चुनाव को ध्यान में रखते हुए आज बैठक की गई है. हमारा अभियान अनूठा नहीं है. लेकिन, जब कोई चुनाव के दृष्टिकोण से उम्मीदवार बनता है तो पहले से प्लानिंग होती है. देखना होता है कि कौन चुनाव लड़ना चाहता है और उसका विरोध करने वाले उम्मीदवार कौन हैं. हालांकि, विपक्षी नेता जो मुद्दे उठा रहे हैं, वह मजाक है. उनके पास आम आदमी से जुड़े कोई सवाल नहीं हैं. इस समय रोजी-रोटी, भुखमरी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे लोगों से जुड़े हैं. इस पर आप सामाजिक गारंटी कैसे देंगे? ये सारे सवाल लोगों के हित में हैं. आप देख रहे हैं कि भाजपा के लोग किस तरह लोगों को गुमराह करने में लगे हैं. हमारे पास जो बचत है और जो काम हमने किया है, उसी मुद्दे पर हम चुनाव लड़ेंगे.

इधर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में आती है तो झारखंड में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू किया जाएगा.

इसको लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या भाजपा के पास कोई और एजेंडा है? हम इतने दिनों से यहां रह रहे हैं. भाजपा ने 18 साल तक शासन किया है. उस समय उन्हें बांग्लादेशी नहीं दिखे. अब जब वे पांच साल से सत्ता में नहीं हैं तो उन्हें बांग्लादेशी और एनआरसी दिखाई दे रहे हैं. इन सब चीजों के पीछे यही उनका एजेंडा है. पिछले कई सालों से वे एनआरसी का मुद्दा लेकर हर राज्य में घूम रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा, “हमें लगता है कि लोग उनके एजेंडे से ऊब चुके हैं. अब लोग ऐसा कुछ चाहते हैं जिससे राज्य में शांति बनी रहे. अब लोग ऐसी सरकार चाहते हैं जो उनकी बात सुने. मैं दावे से कह सकता हूं कि मैं झारखंड बनाने वालों में से हूं. ये लोग उत्तराखंड और पूर्वांचल से हैं. झारखंड में एक हेमंत सोरेन की सरकार ही झारखंडी फ्लेवर की सरकार है. हेमंत सोरेन ही झारखंडी सुगंध की सरकार है जो जल,जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ते हुए आया है.”

आरके/जीकेटी