बेंगलुरु, 22 अक्टूबर . कर्नाटक में भारी बारिश के कारण सामान्य जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश ने सबसे ज्यादा कहर बेंगलुरु में मचाया है. वहीं पूरे राज्य में किसानों को कटाई के लिए तैयार फसलों के बर्बाद होने का डर सता रहा है.
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मैसूर में कहा, “हमने इसको लेकर कदम उठाए हैं और हम भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के लिए राहत प्रदान करने के लिए तैयार हैं.”
अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा, “हम बारिश से जुड़ी आपदाओं पर करीब से नजर रखे हुए है. सभी तैयारियां कर ली गई हैं और साइट सर्वे का काम चल रहा है. हम सभी जरूरी राहत मुहैया कराएंगे.”
बता दें कि बेंगलुरु में कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ा है. वहीं शहर में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. मुख्य सड़कों पर फिर से गड्ढे हो गए हैं, जिससे दोपहिया वाहन चालकों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है. गड्ढों और जलभराव के कारण कारों और भारी वाहनों की आवाजाही भी बाधित हुई है. वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने और जाम को रोकने के लिए प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस को तैनात किया गया है.
येलहंका के निचले इलाकों में लोग भारी जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं. येलहंका ओल्ड टाउन रोड पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिससे बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की बस और कई अन्य वाहन इंजन में पानी घुसने की वजह से बंद हो गए हैं.
अधिकारी ट्रैफिक को सुचारू करने के लिए और सड़कों से वाहनों को हटाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल कर रहे हैं. चिक्काबोम्मासांद्रा में 60 से ज्यादा घर पानी में डूब गए हैं, जबकि अंबेडकर नगर में बढ़ते जलस्तर के कारण कई लोगों को अपने घर खाली करने पड़े हैं, जिससे लोगों को बहुत परेशानी हो रही है और उनकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है.
मैनफो कन्वेंशन सेंटर और मान्याता टेक पार्क परिसर में भी पानी भर गया है. अमृतहल्ली, चिक्काबनवारा और मारुतिनगर जैसे इलाकों में भी जलभराव की समस्या है.
मंगलवार को भी बेंगलुरु शहर में बादल छाए रहे और यहां भारी बारिश का अनुमान है. वहीं अधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
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एमकेएस/केआर