हिमाचल के सिरमौर में भारी भूस्खलन, नेशनल हाईवे 707 पर आवागमन ठप

सिरमौर, 25 जुलाई . हिमाचल के सिरमौर जिले में भीषण भूस्खलन हुआ है. यह भूस्खलन नेशनल हाईवे 707 पर चिल्लन के पास हुआ है. इसके चलते यातायात बाधित हो गया है. हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. पत्थर के टुकड़े गिरने से कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

बता दें कि पहाड़ दरकने के कारण यह हादसा हुआ है. इस कारण हाईवे पर मलबे का ढेर लग गया है. दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

स्थानीय प्रशासन मलबा हटाने में जुटा है. राजमार्ग को बहाल होने में काफी समय लग सकता है. अधिकारियों ने लोगों से दूसरा रास्ता तलाशने को कहा है. भूस्खलन के कारण लोगों को इस रास्ते से दूर रहने की सलाह दी गई है.

सिरमौर जिला प्रशासन ने यात्रियों से धैर्य रखने और यातायात कर्मियों के निर्देशों का पालन करने को कहा है. राजमार्ग से मलबा जल्द से जल्द हटाने का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही यातायात बहाल कर दिया जाएगा.

बता दें कि पिछले साल भीषण बाढ़ और भूस्खलन की आपदा झेलने वाले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार पर मंगलवार को संसद में पेश बजट में राज्य की अनदेखी का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि हिमाचल में आपदा के लिए कोई बजट आवंटित नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, “हमने उम्मीद की थी कि आपदा के बाद पीडीएनए (पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट) मिलेगा, लेकिन राज्य को यह नहीं मिला.”

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, सिक्किम और गोवा के लिए “असिस्टेंट” शब्द का उल्लेख किया गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश के लिए “मल्टीलेटरल डेवलपमेंट असिस्टेंट” की बात कही गई है. बाढ़ और आपदा के लिए उत्तराखंड, गोवा और सिक्किम के लिए सीधे “असिस्टेंट” देने की बात कही गई है, लेकिन हिमाचल के साथ ऐसा नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के लिए राज्य सरकार ने नौ हजार करोड़ रुपये की सहायता का अनुरोध केंद्र सरकार को भेजा है “जो हमें जरूर मिलना चाहिए”. इसके अलावा अलग से भी प्रदेश के लिए बजट आवंटित करना चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल के साथ भेदभाव किया जा रहा है. यह बहुत दुख की बात है.

आरके/