नई दिल्ली, 24 जनवरी . आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद और 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 28 जनवरी को सुनवाई होगी. मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) उम्मीदवार ताहिर हुसैन ने चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत की याचिका दायर की है.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वाद सूची के अनुसार, जस्टिस विक्रम नाथ, संजय करोल और संदीप मेहता की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी.
ताहिर हुसैन के खिलाफ 2020 में दिल्ली में हुए दंगों को भड़काने का आरोप है. वह चार साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने ताहिर हुसैन की याचिका पर विभाजित फैसला सुनाया था.
न्यायमूर्ति पंकज मिथल ने ताहिर हुसैन की याचिका को खारिज कर दिया था, जबकि न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने चार साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद हुसैन को अंतरिम जमानत देने के पक्ष में विचार व्यक्त किया था. इसके बाद, मामले को सुप्रीम कोर्ट की एक बड़ी बेंच को भेजने का आदेश दिया गया था, ताकि इस पर गहराई से विचार किया जा सके.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस से ताहिर हुसैन की लंबी जेल अवधि के कारण उसे नियमित जमानत देने के बारे में जवाब मांगा था. न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने कहा कि अगर हमें यह लगता है कि हुसैन नियमित जमानत का हकदार है, तो हमें उसे यह क्यों नहीं देना चाहिए.
इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन उसे विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अनुमति देने के लिए पैरोल पर छोड़ दिया था.
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने पैरोल का विरोध करते हुए कहा था कि ताहिर हुसैन पर गंभीर आरोप हैं, और अगर उन्हें अंतरिम जमानत दी जाती है, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. इसके अलावा, पुलिस ने यह भी कहा कि चुनाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार नहीं है और हुसैन अपना नामांकन तिहाड़ जेल से भी दाखिल कर सकते हैं.
इस पूरी स्थिति के बीच, सुप्रीम कोर्ट अब 28 जनवरी को सुनवाई करेगा और ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला लेगा. यह मामला अब इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले ताहिर हुसैन को राहत मिलने की संभावना इस पर निर्भर करेगी.
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पीएसएम/एकेजे