हेल्दी खाना भी अधिक मात्रा में खाने पर नुकसान पहुंचा सकता है: कुणाल कपूर

New Delhi, 27 सितंबर . खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ के चौथे संस्करण की शुरुआत New Delhi में हो चुकी है. इस प्रदर्शनी का उद्देश्य India की फूड इंडस्ट्री को बढ़ावा देना और वैश्विक निवेश आकर्षित करना है. इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने Friday को किया था.

‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2025’ की प्रदर्शनी में मशहूर शेफ कुणाल कपूर भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने से खास बातचीत की. कुणाल कपूर ने बताया कि अगर हेल्दी खाना भी अधिक मात्रा में लिया जाए तो नुकसानदायक हो सकता है.

कुणाल कपूर ने से कहा, “India मंडपम में जब भी आता हूं मुझे बहुत गर्व महसूस होता है. India मंडपम कितना शानदार और खूबसूरत है, इसका इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतरीन है. इस साल हमारा कार्यक्रम बहुत खास है. यहां विभिन्न फूड ब्रांड्स, इंडस्ट्री के विशेषज्ञ, शेफ, आम लोग और बिजनेस से जुड़े लोग मौजूद हैं. यह ऐसा मंच है जो हमारे देश के उत्पादों को उजागर करता है, लोगों को नई इनोवेशन, नई तकनीक और नए अनाज के बारे में बताता है. फूड से जुड़ी पूरी दुनिया यहां मौजूद है. खाने को लेकर हमारे यहां वैसे भी लोगों में बहुत उत्साह रहता है.”

अपनी बिरयानी स्टोरी को लेकर कुणाल कपूर ने बात की. उन्होंने कहा, “बिरयानी स्टोरी मेरी काफी इंटरेस्टिंग रही है. हमारे घर में बिरयानी बनती नहीं थी. इसे मैंने बाद में सीखा. बड़ी मात्रा में बिरयानी बनानी बड़ी मुश्किल है. खाना बनाने में कला और साइंस दोनों की आवश्यकता पड़ती है. इसे सीखते समय मैंने भी काफी गलतियां की. घर पर तो इसे बना सकते हैं, लेकिन 250-300 लोगों के लिए इसे बनाना आसान नहीं है.”

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आज के समय में लोग खाने-पीने की चीजों को लेकर काफी अधिक सतर्क हो गए हैं, लेकिन कोई भी खाना अनहेल्दी नहीं होता. अगर हेल्दी खाना भी अधिक मात्रा में लिया जाए, तो वह हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसलिए हमारी लाइफ लाइफस्टाइल का संयमित और संतुलित होना बहुत जरूरी है.

बता दें, इस आयोजन में 90 से अधिक देश भाग ले रहे हैं. इस वर्ष भागीदार देशों में न्यूजीलैंड और सऊदी अरब शामिल हैं, जबकि जापान, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम और रूस केंद्रित देशों के रूप में भाग ले रहे हैं. यह अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति इस मान्यता को रेखांकित करती है कि India का खाद्य क्षेत्र अब केवल अपनी एक अरब से अधिक आबादी का पेट भरने तक सीमित नहीं है बल्कि यह वैश्विक खाद्य सुरक्षा, नवाचार और व्यापार में योगदान भी दे रहा है.

जेपी/डीएससी