सोल, 10 नवंबर . कोरियन मेडिकल एसोसिएशन ने रविवार को अपने प्रमुख के खिलाफ महाभियोग चलाने का फैसला लिया है. एसोसिएशन ने जूनियर डॉक्टरों के लंबे समय से चल रहे हड़ताल और अन्य विवादों को निपटाने में सक्रियता न दिखाने के लिए उन्हें दोषी माना.
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिनिधियों की एक आपातकालीन बैठक के दौरान कोरियाई मेडिकल एसोसिएशन (केएमए) ने विश्वास मत के बाद लिम ह्यून टेक पर महाभियोग चलाने का फैसला किया और एक आपातकालीन समिति के गठन को मंजूरी दी.
लिम ने मार्च में पदभार संभाला था, जिसके एक महीने बाद हजारों प्रशिक्षु डॉक्टरों ने सरकार के उस निर्णय के विरोध में अपने कार्यस्थलों को छोड़ना शुरू कर दिया था जिसमें डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए अगले पांच वर्षों तक मेडिकल छात्रों की संख्या बढ़ाने की बात थी. कोटे के खिलाफ जूनियर चिकित्सक हड़ताल पर चले गए थे.
इसके साथ ही सख्त प्रमुख को वर्तमान स्वास्थ्य सेवा व्यवधानों पर अनुचित टिप्पणी करने के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा है.
कुछ अधिकारियों के अनुसार, महाभियोग से सरकार और चिकित्सा समुदाय के बीच वार्ता में प्रगति होने की उम्मीद है. केएमए ने कहा कि वह 60 दिनों में नए प्रमुख का चुनाव करने के लिए उपचुनाव कराने की योजना बना रहा है.
पिछले महीने, शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह मेडिकल छात्रों को अस्थायी रूप से इस शर्त पर छुट्टी लेने की अनुमति देगा कि वे अगले साल स्कूल लौट आएंगे.
यह निर्णय सोल नेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा पिछले महीने के अंत में सरकार की चिकित्सा सुधार योजनाओं के विरोध में सामूहिक रूप से प्रस्तुत अनुपस्थिति के अनुरोधों को मंजूरी देने के कदम के बाद लिया गया है.
मंत्रालय ने अपने इस रुख की पुष्टि करते हुए कि एकजुटता दिखाने के लिए कहा कि छुट्टी लेना कोई वैध कारण नहीं है. उसके अस्थायी उपाय का उद्देश्य आंशिक रूप से शिक्षा को सामान्य बनाना है.
हालांकि इसमें यह चेतावनी दी गई है कि जो छात्र अगले वर्ष वापस नहीं आएंगे, उन्हें निष्कासन सहित अन्य दंड का सामना करना पड़ेगा.
सामुदायिक डॉक्टरों के एक समूह ने सरकार से मेडिकल स्कूल प्रवेश कोटा पर पुनर्विचार करने की मांग दोहराई थी, जिससे जूनियर डॉक्टरों द्वारा महीनों से चल रहे हड़ताल को हल करने की संभावनाएं लगभग खत्म हो गई थी.
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एमकेएस/केआर