हरियाणा की जीत यूपी की दस विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में पार्टी को द‍िलाएगी बढ़त : धर्मवीर प्रजापति

लखनऊ, 9 अक्टूबर . हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में 90 में से 48 सीटें हासिल की हैं. साथ ही जम्मू-कश्मीर में 90 में से 29 सीट हासिल करके दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. पार्टी की जीत पर उत्तर प्रदेश सरकार में होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने खुशी जाहिर करते हुए पार्टी की हरियाणा इकाई को साधुवाद दिया है.

पार्टी के दोनों राज्यों में शानदार प्रदर्शन पर उन्होंने से बातचीत की. उन्होंने कहा “हरियाणा में मैं राज्य की जनता, सभी पदाधिकारियों, मंत्रियों, मुख्यमंत्री और शीर्ष नेतृत्व को हृदय से साधुवाद देता हूं. हरियाणा की जनता ने हमें आशीर्वाद दिया है, और उत्तर प्रदेश के हमारे मुख्यमंत्री, मंत्री और अन्य पदाधिकारी भी इस प्रक्रिया में शामिल रहे. सभी का संयुक्त प्रयास रहा, इसके परिणाम स्वरूप हरियाणा की जनता ने हमें समर्थन दिया. कार्यकर्ताओं में निश्चित रूप से उत्साह है, और उत्तर प्रदेश की जनता में भी सकारात्मक सोच बनी हुई है. यह सकारात्मकता हमें उत्तर प्रदेश में होने वाले दस विधानसभा उपचुनावों में भी लाभ दिलाएगी.”

इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमलावर होते हुए कहा, “कांग्रेस लगातार यह बताती रही है कि दलित और पिछड़ा वर्ग भाजपा के साथ नहीं है, लेकिन हरियाणा में यह देखने को मिल रहा है कि पिछड़ा और दलित वर्ग भाजपा के साथ है. यदि किसान, दलित और पिछड़ा वर्ग भाजपा के साथ नहीं होते, तो हमारी सरकार कैसे बनती? हमें सभी का सहयोग और आशीर्वाद मिला है, और सभी वर्गों के समर्थन से सरकार बनती है. राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में भी बार-बार यह कहा कि भाजपा दलित विरोधी और आरक्षण विरोधी पार्टी है. जबकि जनता जानती है कि भाजपा संविधान और आरक्षण के खिलाफ नहीं है. बाबा साहब अंबेडकर के सिद्धांतों के प्रति हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता स्पष्ट है, और हम कभी भी उनके विरुद्ध नहीं रह सकते. मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा कि यदि हम बटें, तो हम कट जाएंगे. यह बयान निश्चित रूप से लोगों में उत्साह जगाता है और समझाता है कि एकजुटता में ही शक्ति है.”

उन्होंने कहा, “आज समाजवादी पार्टी ने चुनाव के लिए छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है. यह उनके दल का निर्णय है, लेकिन मुझे लगता है कि हरियाणा में बातचीत नहीं होने के कारण यह दबाव की राजनीति हो सकती है. अंत में यह कहना चाहूंगा कि चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा था कि हरियाणा में उनका कोई आधार नहीं है. इससे यह लग रहा है कि इंडिया गठबंधन टूटने की कगार पर है. अगर समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मजबूत है, तो हरियाणा में उनके प्रयास दबाव बनाने के लिए जारी रहेंगे.”

–आईएएस

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